29 नवंबर 2022 को पुरी में आयोजित AIRF का 98वां राष्ट्रीय अधिवेशन

ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (AIRF) की रिपोर्ट

पुरानी पेंशन के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार: शिवगोपाल मिश्रा

ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने राष्ट्रीय अधिवेशन के खुले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन दान नहीं, रेलवे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा है; इसे बहाल करने के लिए महासंघ किसी भी हद तक जाने को तैयार है! अध्यक्ष डॉ. एन कन्हैया ने कहा कि रेल कर्मचारियों को आज जो भी सुविधाएं मिली हैं, उसके पीछे AIRF के संघर्ष का लंबा इतिहास है!

खुले सत्र के पूर्व रेलवे विश्राम गृह से विभिन्न मार्गों से होते हुए रेलवे स्टेशन तक एक विशाल रैली का आयोजन किया गया, जहां खुला सत्र आयोजित किया गया! खुले सत्र में महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने बड़ी संख्या में युवा रेलकर्मियों को संबोधित किया और वृद्धा पेंशन पर विस्तार से चर्चा की!

महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली आज महासंघ की सर्वोच्च प्राथमिकता में है! हम नई पेंशन योजना के विरोध में केंद्रीय कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं! इसलिए हमारे फेडरेशन के केंद्रीय नेतृत्व ने स्थानीय स्तर पर बातचीत शुरू कर दी है! इसके लिए अखिल भारतीय रेलवे महासंघ एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है!

कई बार कहा जाता है कि एनपीएस को 2004 में ही खत्म क्यों नहीं कर दिया गया! आपको पता होना चाहिए कि उस समय रेलवे के युवा कर्मचारियों की संख्या कम थी, हमारी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था, आज हमारी ताकत बढ़ गई है! आज हमारे पास अपने पक्ष में फैसला करने की ताकत है! महामंत्री ने कहा कि यही वजह है कि हमारे दो रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खडगे और पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा कि रेलवे कर्मचारियों को सरकारी खजाने से पहले की तरह पेंशन दी जाए, लेकिन वित्त मंत्रालय खामोश है! यह चुप्पी ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली, कर्मचारियों के हित में फैसला होना चाहिए!

ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि नई पेंशन योजना सही मायने में नो पेंशन स्कीम है, कर्मचारियों को सिर्फ नाम की पेंशन मिलती है; नई पेंशन योजना को लेकर सभी रेल कर्मचारी परेशान हैं।

लेकिन अगले लोकसभा चुनाव से पहले एक आंदोलन जोर पकड़ रहा है! देश भर के सभी सरकारी कर्मचारी, राज्य कर्मचारी और केंद्रीय कर्मचारी एक साथ आंदोलन में भाग लेंगे! महामंत्री ने कहा कि एनपीएस के खिलाफ राज्य स्तर पर भी आंदोलन शुरू किया जाएगा, देशभर से 5 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को दिल्ली बुलाया जाएगा और संसद का घेराव किया जाएगा! इसके बाद भी अगर हमारी नहीं सुनी गई तो हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं! अगर सरकार हमें मजबूर करे तो हम रेल का पहिया जाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगे!

AIRF के महामंत्री श्री मिश्रा ने नई पेंशन योजना को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि एनपीएस में सरकार कर्मचारियों के पैसे में कटौती कर रही है और अपने हिस्से का कुछ हिस्सा सरकारी खजाने से दे रही है! अब वह राशि कहां निवेश की जा रही है, यह कोई नहीं जानता! पुरानी पेंशन बहाली को लेकर युवा एकजुट हों तो जीत हमारी भी होगी!

1974 के बाद से किसी भी मुद्दे पर सरकार से कोई बड़ा टकराव नहीं हुआ है, लेकिन पुरानी पेंशन एक ऐसा मुद्दा है, अगर सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला तो टकराव तय है! महामंत्री ने चेताया कि जिन लोगों को पेंशन मिल रही है उन्हें ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है, उन पर भी सरकार और नीति आयोग की नजर है! इसलिए हम सभी को पुरानी पेंशन के मुद्दे पर एक होकर लाल झंडे के नीचे आकर बड़े संघर्ष का मन बनाना चाहिए!

महामंत्री ने कहा कि रेल मंत्री ने बैठक के दौरान कई बार कहा कि रेलकर्मी जिस कार्य को कुशलता से कर रहे हैं उसे कभी भी आउटसोर्स नहीं किया जाएगा। हमें रेल मंत्री पर भरोसा है, लेकिन सरकार की नीति और नीयत पर नहीं! उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से टुकड़ों में निजीकरण की साजिश रच रही है! AIRF इसे स्वीकार नहीं करता है। रेल का निजीकरण किसी के हक़ में नहीं, इससे रेलकर्मियों को कोई फ़ायदा नहीं होगा, न ही रेल उपभोक्ताओं को इससे कोई फ़ायदा होगा! निजीकरण हमें मंजूर नहीं है, हम इसका विरोध कर रहे हैं और करते रहेंगे!

महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सवाल उठाया कि कोरोना के दौरान ये लोग कहां थे, जबकि हमारे रेलकर्मियों ने बिना एक दिन की छुट्टी लिए अपना काम किया! लेकिन, हमारे लगभग तीन हजार रेलकर्मी काम के दौरान खतरे में शहीद हो गए! रेलकर्मी जिन हालातों में काम करते हैं, वे किसी से छिपे नहीं हैं, फिर भी हमारी बातों को अनसुना कर दिया जाता है!

महामंत्री ने कहा कि हमारे डीए का बकाया कोई मृत मुद्दा नहीं है, इस पर भी चर्चा हो रही है। बकाया छीनने की कोशिश हुई तो संघर्ष तो होना ही है!

AIRF के अध्यक्ष डॉ. एन कन्हैया ने रेलकर्मियों को याद दिलाया कि आज हमें जो भी सुविधाएं मिल रही हैं, वह आसानी से हासिल नहीं होती थीं। इसके लिए न सिर्फ लंबा संघर्ष हुआ, आंदोलन के दौरान रेलकर्मियों के सीने में गोली मार दी गई। डॉ. कन्हैया ने कहा कि सरकार को रेलकर्मियों की सभी मांगों पर न केवल बात करनी चाहिए बल्कि उन्हें पूरा भी करना चाहिए, क्योंकि आज कर्मचारी न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं बल्कि उन्हें पाने के लिए हर कीमत चुकाने को भी तैयार हैं!

ईस्ट कोस्ट रेलवे के महाप्रबंधक रूप नारायण सोनकर ने अपनी कुछ पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि उन्होंने रेलवे के कई सेक्टरों में काम किया है और उन्हें रेलवे कर्मचारियों और यूनियन का सहयोग मिला! उन्होंने कहा कि वे भारतीय रेल में एईएन के रूप में शामिल हुए और कर्मचारियों के सहयोग के कारण आज यहां पहुंचे हैं!

ओपन सेशन को सीईओ अलका अरोड़ा मिश्रा, पीसीपीओ पी.के. मंडल, डी.आर.एम. रिंकल राय सहित कुछ अन्य लोगों ने भी संबोधित किया! इस खुले सत्र में मुख्य रूप से AIRF के कार्यकारी अध्यक्ष जे.आर. भोसले, कोषाध्यक्ष शंकरराव, राजा श्रीधर, जोनल महामंत्री के.एल. गुप्ता, ए.एम. डीक्रूज, मुकेश माथुर, मुकेश गालव, वेणु पी. नायर, एस.एन.पी. श्रीवास्तव, आर.डी. यादव, डॉ. आशीष विश्वास, अमित घोष, एस.के. त्यागी, मनोज बेहरा, एल.एन. पाठक, AIRF की महिला अध्यक्ष जया अग्रवाल, AIRF की महिला संयोजक प्रवीना सिंह, जोनल सचिव चंपा वर्मा मौजूद रहीं! ईस्ट कोस्ट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री पी.के. पटासनी ने देश भर से आए सभी अतिथियों और रेलकर्मियों का स्वागत किया! कार्यक्रम का समापन अध्यक्ष एन.वी.एस.एस. राव ने किया!

महेंद्र श्रीवास्तव
फोन 9140369128

 

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