ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) की रिपोर्ट
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन में महिला कमेटी के महत्व को इसी बात से समझ जा सकता है कि 98 वें राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरुआत ही महिलाओं की राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी से हुई। AIRF के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि आज भारतीय रेल की महिलाएं देश में ही नहीं दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं। महिलाओं के काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है। महिलाओं ने संघर्ष के जरिए बहुत कुछ हासिल किया है। AIRF अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया ने कहा कि अगर संगठन को आगे बढ़ाना है तो महिलाओं को आगे लाना ही होगा।
AIRF महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि आज भारतीय महिलाओं ने जो सुविधाये हासिल की, दुनिया के दूसरे देश अभी इस पर सोच भी नहीं पा रही हैं। उन्होंने कहा कि संगठन में महिलाओं की भागीदारी जितनी जरूरी है, उससे कहीं अधिक उन्हें सुरक्षित वातावरण देना भी महत्वपूर्ण है। फेडरेशन से महिलाओं के जुड़ने की वजह ही यह है कि यहाँ उनके मान सम्मान का ख्याल रखा जाता है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में फेडरेशन की महिला संगठन ने न सिर्फ बेहतर काम किया है बल्कि महिला रेलकर्मियों के बीच पकड़ भी मजबूत हुई है। महामंत्री ने कहा कि जिस संगठन में महिलाओं की पर्याप्त भागेदारी होगी, वो संगठन कभी किसी भी किसी मामले में पीछे नहीं हो सकता।
महामंत्री ने कहा कि CCL समेत महिलाओं की कुछ समस्याएं है, उसकी जानकारी केन्द्रीय नेतृत्व को है और इस मामले में उचित स्तर पर प्रयास चल रहा है। पिछले दिनों CCL के मामले में देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और उसकी प्रति भी केबिनेट सेक्रेटरी को सौपी गई है। हमें उम्मीद है कि इस मामले में जल्दी ही अच्छे नतीजे मिलेंगे। फेडरेशन की लगातार कोशिश रहती है कि महिलाओं की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर संभव हो सके। इसलिए महिलाओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि कई बार महिलाओं के खिलाफ हिंसा की खबरें मिलती है, जो मामले संगठन की जानकारी में आ जाते है, उसमे तो हम सख्त कार्रवाई कराने में कामयाब हो जाते है, पर कई बार तमाम ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनकी जानकारी ही नही हो पाती, ऐसे में मुश्किल होती है। इन हालातों में महिलाओं को भी जागरूक होने की जरूरत है।
महामंत्री ने कहाकि सरकार की नीयत भारतीय रेल को लेकर ठीक नही है। पुरानी पेंशन को लेकर AIRF गंभीर है, पेंशन कोई चैरिटी नहीं बल्कि हमारे लिए सोशल सिक्युरिटी है। रणनीति बन रहीं है, इस मुद्दे पर हम पीछे हटने वाले नहीं है। सरकार रेल का निजीकरण करना चाहती है, अगर सरकार अपनी मंशा में कामयाब हुई तो सबसे अधिक मुश्किल महिला रेलकर्मियों को ही होने वाली है, इसलिए हमें एकजुटता के साथ संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।
AIRF अध्यक्ष डॉ एन कन्हैया ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की ताकत के बिना कोई भी संगठन आगे नहीं बढ़ सकता। आज जितनी तादात में महिलाएं यहाँ आई है, वो अपने संगठन की ताकत को बताता है। उन्होंने कहा कि सच ये है कि आज महिलाओं को भी सतर्क रहने की जरूरत है, हालात बिल्कुल ठीक नही है। फेडरेशन ने हमेशा आपके हक के लिए संघर्ष किया है और अपनी जायज मागो को हासिल किया है। आज फेडरेशन के आह्वान पर हर स्तर पर महिलाओं को संगठन में भागेदारी दी गई है, अब महिलाओं को मिले अवसर का सकारात्मक इस्तेमाल करना है। !
AIRF महिला चेयरपर्सन जया अग्रवाल ने कहाकि ईस्ट कोस्ट रेलवे ने भी महिलाओं के हित मे तमाम काम किया है, अभी इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यहाँ महिलाओं का मजबूत संगठन है, इसे नीचे तक ले जाने की जरूरत है। श्रीमती अग्रवाल ने वर्किंग कमेटी में सभी जोन की रिपोर्ट भी रखा।
AIRF की महिला कन्वीनर प्रवीना सिंह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा सिर्फ अपने देश मे नही बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी ऐसी घटनाएं हो रही है। इसीलिए ITF भी दुनिया भर की महिलाओं के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाता रहता है। इसी क्रम में AIRF/ITF ने वेलबीइग कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि आज यहां जो भी बात हो रही है, उसे अपने फेडरेशन की महिलाओं तक ही नहीं बल्कि अपने वर्कप्लेस की एक एक महिला तक ये संदेश जरूर पहुंचाए, ताकि महिलाओं को जागरूक किया जा सके।
वर्किंग कमेटी को कार्यकारी अध्यक्ष जे आर भोसले, कोषाध्यक्ष शकरराव, जोनल सेक्रेटरी चम्पा वर्मा ने भी संबोधित किया। ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन के महामंत्री पी के पटसनी ने इतनी बड़ी संख्या में आई महिलाओं का स्वागत किया। जोनल चेयरपर्सन इतिश्री ने अपने जोन की रिपोर्ट के साथ सभी गेस्ट को अंगवस्त्र भेंट किया। अध्यक्ष एम एस एस वी राव ने सभी के प्रति आभार जताया।
महेंद्र श्रीवास्तव
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