PBSS/NMOPS हरियाणा का पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष में जुड़ने का आह्वान


“यदि मिल गये ये हाथ तो वो नज़ारा आएगा, नज़रे जहाँ तक जाएगी बस पुरानी पैंशन का मुद्दा नजर आएगा।

“तू भी आ मेरे साथ इस महा संग्राम में, निश्चित है कि एक दिन इंक़लाब आएगा, इंक़लाब आएगा।”

नमस्कार, साथियों

पुरानी पेंशन केवल एक मांग नही, मुद्दा है आपके भविष्य का, आपके सम्मान का, आपके स्वाभिमान का इसलिए बिना किसी किन्तु – परन्तु के पेंशन आंदोलन में PBSS/NMOPS हरियाणा का साथ दें।

सम्भव है आप अलग – अलग विभाग से है, अलग – अलग पद पर हैं और अलग – अलग संगठन और विचारधारा रखते हैं, लेकिन मुद्दा सभी का एक है – पुरानी पेंशन।
इसलिए हम अलग अलग क्यों लड़ें? पद, विभाग और संगठन के बिखराव में कमजोर क्यों हों ?

PBSS/NMOPS ने आपको एक मंच दिया है, इन दूरियों को भुला सांझे संघर्ष का, तो क्यों ना इस सांझे मंच के साथ संगठित हो, संघर्ष करें?

साथियों आप गवाह है, PBSS/NMOPS से पूरी निष्ठा औऱ ईमानदारी से सभी संगठनों का सम्मान करते हुए पेंशन बहाली की इस लड़ाई को लड़ा है। उसी का परिणाम है कि चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में पुरानी पेंशन नीति बहाल हो चुकी है।

निश्चित ही आपकी एकता और संघर्ष से जल्द हरियाणा में भी पेंशन बहाल होगी।

इसलिए पद, विभाग और सांगठनिक दूरी भुला PBSS/NMOPS हरियाणा का साथ दें।

याद रहे :-
“अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस”
10 दिसंबर 2022, शनिवार
“जिला स्तरीय प्रदर्शन”
समस्त जिला मुख्यालय
सुबह 10 से 12 बजे

*आईए एक दिन अपने भविष्य को दें, अपने सम्मान और स्वाभिमान के संघर्ष को दें।*

*जिसकी रगों में खून दौड़ता है, वो कहां अपने अधिकार छोड़ता है!

*PBSS/NMOPS हरियाणा*

 

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