महाराष्ट्र बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने राज्य सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ आंदोलन करने और अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया

महाराष्ट्र राज्य वीज कर्मचारी, अधिकारी, अभियंते संघर्ष समिति का प्रेस नोट

(मराठी प्रेस नोट का हिंदी अनुवाद)

महाराष्ट्र राज्य वीज कर्मचारी, अधिकारी, अभियंते संघर्ष समिति द्वारा जारी प्रेस नोट, नाशिक दिनांक 7.12.2022

बिजली कंपनी के कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों की 30 यूनियनों का अडानी कंपनी के माध्यम से महाराष्ट्र के बिजली उद्योग की निजीकरण नीति के खिलाफ संघर्ष और अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला

अडानी इलेक्ट्रिकल कंपनी ने महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग को एक ऐसे क्षेत्र में बिजली वितरित करने के लिए समानांतर लाइसेंस के लिए आवेदन किया है जो वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, एक ऐसा क्षेत्र जो रुपये 1000 करोड़ से अधिक का जबरदस्त राजस्व उत्पन्न करता है। इस क्षेत्र में नवी मुंबई, पनवेल, उरण, ठाणे, मुलुंड, भांडुप, तलोजा क्षेत्रों के 5 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता शामिल हैं। अडानी कंपनी चाहती है कि वितरण को महावितरण (सरकार के स्वामित्व वाली MSEDCL, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) से स्थानांतरित किया जाए।

इस प्रकार, एक निजी कॉर्पोरेट घराने ने एक समानांतर लाइसेंस के अनुमोदन के लिए आवेदन किया है जिसका उद्देश्य उस क्षेत्र से लाभ को अधिकतम करना है जो पूरी तरह से औद्योगीकृत है और भविष्य में और विकसित होगा।

महावितरण एशिया की सबसे बड़ी और सबसे कार्य-कुशल कंपनी है और केंद्र सरकार ने कंपनी की समग्र कार्य-कुशलता और प्रबंधन को देखते हुए कई पुरस्कारों की घोषणा की है। एक कंपनी जिसने 2021-22 में 135 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो रिकॉर्ड राजस्व अर्जित करता है और एक ऐसा क्षेत्र जहां कृषि उपभोक्ता नहीं हैं, उसको निजीकरण के लिए चुना गया है।

संघर्ष समिति के सभी संगठनों ने इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। महावितरण कंपनी मुनाफा कमाती है, और उसका उपयोग राज्य के हित में, उसके विकास के लिए करती है, जबकि अडानी इस क्षेत्र में अधिक से अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से आ रहा है, न कि सेवाएं देने के लिए।

यदि निजीकरण किया जाता है, तो अडानी द्वारा कवर किए गए क्षेत्र से कृषि उपभोक्ताओं को दी जाने वाली क्रॉस-सब्सिडी शून्य हो जाएगी। इससे बिजली की कीमत (टैरिफ) बढ़ जाएगी और किसानों, घरेलू उपभोक्ताओं और कमजोर समूहों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराना असंभव हो जाएगा।

निजीकरण के लिए कृषि बिजली कंपनी की स्थापना का विरोध

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कृषि उपभोक्ताओं के लिए एक स्वतंत्र बिजली कंपनी स्थापित करने के लिए पूर्व ऊर्जा सचिव श्री जयंत कावले की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। यह नया प्रावधान कॉर्पोरेट घराने के लाभ के लिए है जो प्रतिस्पर्धा में सभी लाभदायक उपभोक्ताओं को हड़पने की कोशिश कर रहा है, जबकि घाटे में चल रहे उपभोक्ताओं, जैसे कृषि पंप सेट, सार्वजनिक जल वितरण और प्रकाश व्यवस्था और घरेलू उपभोक्ताओं को नई कृषि बिजली कंपनी के लिए छोड़ रहा है; इसलिए हमारे सभी संगठन इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

निजीकरण के भंवर में महानिर्मिती (सरकार के स्वामित्व वाली महाजेनको या महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी) के लघु जलविद्युत उपक्रम

महाराष्ट्र के निर्माण के बाद से, राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग के तत्कालीन विद्युत मंडल द्वारा और अब महानिर्मिती कंपनी द्वारा बनाई गई बिजली उत्पादन परियोजना 35 से अधिक वर्षों से बिजली उत्पादन, संचालन और प्रणाली को बहुत अच्छे तरीके से संचालित कर रही है। आज ये सभी परियोजनाएं लाभदायक हैं।

महानिर्मिती कंपनी सरकार से मरम्मत और रखरखाव करने और भविष्य में उसे उत्कृष्ट रूप से चलाने की अनुमति मांग रही है। साथ ही सरकार ने परियोजना की मरम्मत और रख-रखाव के नाम पर गुपचुप तरीके से महानिर्मिती कंपनी से काम छीनकर निजी पूंजीपतियों को हस्तांतरित करने का प्रयास शुरू कर दिया है।

महाराष्ट्र सरकार को सभी जलविद्युत परियोजनाओं को अपनी स्वयं की उत्पादक कंपनी, महानिर्मिती के पास रखना चाहिए; यदि वे निजी पूंजीपतियों को परियोजना देने की कोशिश करते हैं तो संघर्ष समिति ने इसका कड़ा विरोध करने का फैसला किया है।

सरकार ने निजी और महानिर्मिती के थर्मल पॉवर प्लांट को, विदेश में स्थित अडानी की कोयला कंपनी से कोयला प्राप्त करने का आदेश जारी किया है। सरकार को विदेशों से कोयला आयात करने का आदेश नहीं देना चाहिए। संघर्ष समिति ने आदेश का पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया है।

उपरोक्त अति महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर संघर्ष समिति में भाग लेने वाले संगठन चिंतित हैं और यदि सरकार व प्रशासन तीनों कंपनियों में से किसी एक का भी, किसी भी तरीके से निजीकरण करने का एकतरफा निर्णय लेते हैं तो संघर्ष समिति में भाग लेने वाले 30 संगठनों ने उस फैसले के खिलाफ निम्नानुसार विरोध करने का निर्णय लिया है।

आंदोलन के चरण

1) 12 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र में गेट मीटिंग करना

2) 14 दिसंबर 2022 को माननीय मंत्री, सांसदों, विधायकों, नगर निगमों, नगर परिषदों, पंचायत समितियों, जिला परिषदों, ग्राम पंचायत सदस्यों, सामाजिक संगठनों, उपभोक्ता संगठनों, किसान संगठनों और ट्रेड यूनियनों को अभ्यावेदन प्रस्तुत करना और गेट मीटिंगें करना

3) 16 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र में गेट मीटिंग करना

4) 19 दिसंबर 2022 को तीनों कंपनियों के प्रबंधन के साथ अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन

5) 23 दिसंबर 2022 को नागपुर विधानसभा पर मोर्चा

6) 29 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र में गेट मीटिंग करना

7) 2 जनवरी 2023 को ठाणे कलेक्टरेट पर मोर्चा

8) 4 जनवरी 2023 को 72 घंटे की हड़ताल

9) 16 जनवरी 2023 को महाराष्ट्र में गेट मीटिंग करना

10) 18 जनवरी 2023 को 00.00 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल

आप के विनीत,

महाराष्ट्र राज्य वीज कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता संघर्ष समिति

महाराष्ट्र राज्य वीज कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता संघर्ष समिति में शामिल सहभागी संगठन

१) महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन
२) महाराष्ट्र वीज कामगार महासंघ
३) सबोर्डिनेट इंजिनियर असोसिएशन
४) महाराष्ट्र राज्य मागासवर्गीय विद्युत कर्मचारी संघटन
५) विद्युत क्षेत्र तांत्रिक कामगार युनियन
६) महाराष्ट्र राज्य वीज तांत्रिक कामगार संघटना
७) महाराष्ट्र राज्य वीज कर्मचारी, अधिकारी, अभियंते सेना
८) महाराष्ट्र राज्य वीज कामगार काँग्रेस (इंटक)
९) ग्रॅज्युएट इंजिनियर असोसिएशन
१०) महाराष्ट्र राज्य स्वतंत्र बहुजन वीज कर्मचारी संघटना
११) महाराष्ट्र राज्य स्वाभिमानी विद्युत वर्कर्स युनियन
१२) महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडळ अधिकारी संघटना
१३) पावर फ्रंट एम.एस.ई.बी. वर्कर्स युनियन
१४) महाराष्ट्र राष्ट्रवादी वीज कामगार काँग्रेस
१५) महाराष्ट्र नवनिर्माण वीज कामगार सेना
१६) महाराष्ट्र राज्य विद्युत ऑपरेटर संघटना
१७) बहुजन विद्युत अभियंता, अधिकारी व कर्मचारी फोरम
१८) महाराष्ट्र राज्य वीज निर्मिती कामगार संघटना
१९) बहुजन पॉवर कर्मचारी संघटना
२०) महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय वीज कामगार फेडरेशन (इंटक)
२१) एम.एस.ई.बी.कार्यालयीन अधिकारी कर्मचारी संघटना
२२) राष्ट्रीय वीज ड्रायव्हर्स अँड क्लीनर्स असोसिएशन
२३) इलेक्ट्रिसिटी लाईन स्टाफ असोसिएशन
२३) आदीम कर्मचारी संघटना
२४) चतुर्थ श्रेणी विद्युत कामगार संघटना
२५) सुरक्षा व दक्षता विभाग अधिकारी संघटना (अ)
२६) तांत्रिक कामगार युनियन
२७) आदिम कर्मचारी संघटना
२८) महाराष्ट्र राज्य विद्युत श्रमिक काँग्रेस
२९) महाराष्ट्र राज्य विद्युत बहुजन अधिकारी कर्मचारी संघ
३०) क्रांतिकारी लाईन स्टाफ सेना

 

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