100 साल पुरानी नैनीताल बैंक के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ 13 दिसंबर को कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया

कामगार एकता कमिटी संवाददाता (KEC) की रिपोर्ट


12 दिसंबर को बैंक ऑफ बड़ोदा ने नैनीताल बैंक में अपनी 98.57% हिस्सेदारी बेचने के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन बोलियाँ आमंत्रित कर दी। इस कदम का नैनीताल बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों ने विरोध किया है और उसके खिलाफ नैनीताल में 13 दिसम्बर को प्रदर्शन किया।

नैनीताल बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन के अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर कन्याल ने कहा, “नैनीताल बैंक को बेचने की इस कोशिश का बैंक का हर कर्मचारी और अधिकारी विरोध करता है। हमारी मांग है कि नैनीताल बैंक को बीओबी (बैंक ऑफ बड़ोदा) में मर्ज कर दिया जाए। बैंक के कर्मचारी एवं अधिकारी इस निर्णय के विरोध में आंदोलन करेंगे। “

नैनीताल बैंक की स्थापना 1922 में पर्वतीय क्षेत्र में लोगों को बैंकिग सेवाएं प्रदान करने के उद्द्येश्य से की गयी थी। 1973 में बैंक ऑफ बड़ोदा ने नैनीताल बैंक का अधिग्रहण कर लिया था। पांच राज्यों में 166 शाखाओं के माध्यम से बैंक अपना कारोबार करता है और उसमें लगभग 1,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।

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