यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की बैठक के निर्णयों के संबंध में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लोयिज एसिओसेशन (एआईबीईए) का परिपत्र
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन
केंद्रीय कार्यालय: “प्रभात निवास” पंजीकरण संख्या 2037
सिंगापुर प्लाजा, 164, लिंगी चेट्टी स्ट्रीट, चेन्नई-600 001
फोन: 2535 1522 वेब: www.aibea.in
ई मेल: chv.aibea@gmail.com और aibehq@gmail.com
परिपत्र सं. 28/502/2022/73 17-12-2022
सभी यूनियनों और सदस्यों के लिए:
प्रिय साथियों,
15 दिसंबर 2022 को हुई यूएफबीयू की बैठक का निर्णय
यूएफबीयू की 15-12-2022 को चेन्नई में बैठक हुई। बैठक में सभी नौ घटक यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के सामने आने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक ने कॉमरेड रूपम रॉय को एआईबीओसी के महासचिव के रूप में हाल ही में पद ग्रहण करने पर बधाई दी तथा बैठक में सभी प्रतिभागियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी। बैठक ने यूएफबीयू में कॉम सौम्या दत्ता द्वारा एआईबीओसी के महासचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किए गए योगदान के लिए अपनी गहरी प्रशंसा दर्ज करते हुए एक संकल्प अपनाया।
बैंकों का निजीकरण – आईडीबीआई बैंक और नैनीताल बैंक की बिक्री: बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि सरकार अभी भी बैंकों के निजीकरण के अपने एजेंडे पर कायम है और इसलिए इस गलत सलाह के खिलाफ हमारे अभियान को जारी रखा जाना चाहिए। हालाँकि, बैठक में इस बात पर ध्यान दिया गया कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित बैंक निजीकरण विधेयक को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में सूचीबद्ध और पारित नहीं किया जा सकता है। लेकिन बैठक में पाया गया कि आईडीबीआई बैंक ने निजी बोलीदाताओं से रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की है और इस प्रकार बैंक के निजीकरण की दिशा में एक और कदम उठाया है। इसी तरह, बैठक में यह भी नोट किया गया कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने नैनीताल बैंक में अपनी वर्तमान हिस्सेदारी (99%) खरीदने के लिए बोलीदाताओं से रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की है। बैठक ने इन कदमों का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और इन फैसलों के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला किया। बैठक में इन बैंकों में हमारी यूनियनों को भी आंदोलनकारी कार्यक्रम चलाने की सलाह दी गई।
शेष मुद्दों के समाधान में देरी: बैठक में पाया गया कि जून, 2022 में यूएफबीयू की हड़ताल के आह्वान के बाद, आईबीए शेष मुद्दों को हल करने के लिए जैसे की 5 दिनों की बैंकिंग, पेंशन के अद्यतन, आदि पर चर्चा करने के लिए सहमत हो गया था। पिछले छह महीनों में सिर्फ दो चर्चायें हुयी हैं और उस पर अनुचित देरी हो रही है और मुद्दों के समाधान में तेजी लाने के लिए आईबीए द्वारा गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहा हैं। इसलिए लंबित मुद्दों को शीघ्रता से हल करने के लिए आईबीए को लिखने का निर्णय लिया गया, जिसके विफल होने पर, यूएफबीयू आंदोलन को फिर से शुरू करने के लिए विवश होगा।
प्रति सप्ताह 5 बैंकिंग दिवस: बैठक में चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि प्रति सप्ताह 5 बैंकिंग दिवसों को लागू करने के लिए, हम सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन कुल कार्य घंटों में 30 मिनट की वृद्धि के लिए सुबह 15 मिनट पहले पर और शाम को 15 मिनट बाद के लिए सहमत हो सकते हैं। यानी सुबह 15 मिनट पहले और शाम को 15 मिनट देरी से। इसे आईबीए को सूचित करने का निर्णय लिया गया ताकि इस मुद्दे को आगे बढ़ाया जा सके।
पेंशन का अद्यतनीकरण: विचार-विमर्श के बाद, इस महत्वपूर्ण मुद्दे में कुछ आगे बढ़ने की वांछनीयता को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया कि पेंशन का अद्यतनीकरण में शेष पेंशनभोगियों के लिए पेंशन को अद्यतन करने के लिए एक स्पष्ट रोड मैप के साथ, सबसे पहले 5वें, 6वें और 7वें बीपी वेतन संशोधन/संयुक्त नोट यानी नवंबर 2002 के सेवानिवृत्त लोगों के लिए पहले कवर किए गए लोगों के लिए किया जा सकता है।
वेतन संशोधन की मांगों के चार्टर पर बातचीत: चूंकि सभी 9 घटक यूनियनों द्वारा आईबीए को मांगों का चार्टर प्रस्तुत किया गया है, इसलिए बैठक में महसूस किया गया कि आईबीए को अब इन मांगों पर बातचीत शुरू करनी चाहिए ताकि बिना किसी देरी के समझौता किया जा सके। प्रक्रिया शुरू करने के लिए, बैठक ने बैंकों से शासनादेश प्राप्त करने के लिए आईबीए पर प्रभाव डालने का निर्णय लिया।
आंदोलनकारी कार्यक्रमों के लिए तैयार रहें: बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि आईबीए शेष मुद्दों पर चर्चा में और देरी करेगा और बैंकों से शासनादेश प्राप्त करने के लिए कदम नहीं उठाएगा और हमारे मांगों के चार्टर पर बातचीत शुरू नहीं करेगा, तो यूएफबीयू आंदोलनकारी कार्यक्रमों पर फैसला करेगा तथा बैंकों में पर्याप्त भर्तियों की मांग और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ इन मुद्दों पर कार्रवाई करेगा।
संजीव के बंदलिश, संयोजक, यूएफबीयू,
अभिवादन के साथ
आपका साथी,
सी.एच. वेंकटचलम
महासचिव