IDBI अफसरों और कर्मचारियों की संयुक्त फोरम का वक्तव्य
इसे कहते है टैक्स पेयर के पैसों की लूट:
1.मुनाफे वाली IDBI Bank को बेचना जिसका मूल्यांकन उसके विक्रय मूल्य से कहीं ज्यादा है।
2.कुल 333 विलफुल डिफाल्टर।
3.कुल राशि रू. 24149 करोड़ जिस पर सरकार की कोई कार्रवाई नहीं बस सरकारी बैंक बेचने की ज़िद में कॉरपोरेट को टैक्स की छूट दे रही है।
सिर्फ टॉप 15 डिफॉल्टर्स कुल रकम का 50% से ज्यादा है। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
डिफाल्टर लिस्ट source: https://idbibank.in/pdf/WillfulDefaulters.xlsx