मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र
(अंग्रेजी पत्र का अनुवाद)
प्रति
श्रीमान
योगी आदित्यनाथ,
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश।
विषय: यूपी बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल का समर्थन
उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाने को विवश हो रहे हैं। हकीकत यह है कि यूपी के बिजली निगमों के शीर्ष प्रबंधन के तानाशाही, अलोकतांत्रिक, दमनकारी रवैये, ट्रांसमिशन के निजीकरण के प्रयास और लंबे समय से लंबित समस्याओं को पूरा नहीं करने के कारण बिजली कर्मचारियों ने पिछले साल नवंबर में कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरू किया था। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति एवं प्रबंधन के बीच लिखित समझौते पर हस्ताक्षर के बाद उप्र ऊर्जा मंत्री की अपील पर 03 दिसंबर को कार्य बहिष्कार आंदोलन स्थगित कर दिया गया था। अब बिजली निगम के अध्यक्ष 03 दिसंबर के लिखित समझौते को मानने को तैयार नहीं हैं और उनका दमनकारी रवैया जारी है। ट्रांसमिशन सब-स्टेशनों के निजीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ राज्य के जेनको से ओबरा और अनपरा में 800 मेगावाट की दो नई इकाइयां छिनने का फैसला आग में घी डालने जैसा है।
संघर्ष समिति के नोटिस के अनुसार 14 मार्च को सभी जिलों/परियोजनाओं में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 15 मार्च को सुबह 10 बजे से 16 मार्च की रात 10 बजे तक कार्य बहिष्कार रहेगा, और 16 मार्च को रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल होगी। इस अविश्वसनीय जीत के लिए यूपी के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के एकजुट संघर्ष का मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ पुरजोर समर्थन करता है।कठोर ESMA अधिनियम के प्रतिशोधात्मक आह्वान सहित सरकार के हमले का विरोध और अवहेलना करते हुए, दृढ़ निश्चयी हड़तालकर्ता विजयी होंगे।
उप्र सरकार को हड़ताली कर्मचारियों के सामने हार माननी होगी। हम मजदूरों के आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाते हैं और विवाद में हस्तक्षेप करने के लिए यूपी सरकार पर दबाव डालते हैं। MPVMAS सूचित करना चाहता है कि मध्य प्रदेश राज्य भर में मध्य प्रदेश स्टेट पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश पावर कर्मचारियों और इंजीनियरों के आंदोलन का पूरे दिल से समर्थन कर रहा है।
भवदीय
विकास कुमार शुक्ला
महासचिव