आज मुझे यह पत्र लिखते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है। मैं एक कॉलेज में अध्यापक हूँ और 4 जुलाई के स्थापना बैठक से सर्व हिन्द निजीकरण विरोधी फोरम को फॉलो कर रहा हूँ। रेल्वे, बिजली, बॅकों, इन्शुरेंस, रक्षा, पोर्ट एंड डॉक्स, दूरसंचार, कोयला, इस्पात और तेल क्षेत्र को जोडने का काम इस फोरम ने किया है। आज हमारी सरकार उनके इजारेदार पूँजीवादी मालिकों के इशारे पर एक के बाद दूसरे क्षेत्र में निजीकरण का ऐलान किए जा रही है। वह योजनाबद्ध तरीकेसे अपने वर्षों से आजमाऐ और अंग्रेजो की विरासत ‘तोड़ो और राज करो’ नीति को अपनाकर हम सबको अलग अलग संघर्षो में विभाजित करना चाहते हैं। ऐसे समय में यह फोरम सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के संघर्षो को एक मंच दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अपनी स्थापना बैठक से केवल एक महिने के अंतर में सर्व हिन्द निजीकरण विरोधी फोरम ने अपनी वेबसाईट और मोबाईल अॅप लांच की। निजीकरण की खबरें हरेक सामान्य कर्मचारी तथा उनके उपभोक्ताओं के बीच फैलाने के लिए यह बहुत ही कारीगर कदम साबित होगा। हमें यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए की एक क्षेत्र के कर्मचारी दूसरे क्षेत्र के उपभोक्ता हैं। इसिलिए हमें न केवल अपने क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष करना है बल्कि हर एक क्षेत्र का निजीकरण का विरोध करना होगा। जहाँ पर भी मुमकिन है वहाँ वहाँ हमें साझे संघर्ष करने होंगे। इसलिए हमें इस वेबसाईट और अॅप को हर रोज देखना होगा, दूसरे क्षेत्र में निजीकरण विरोधी संघर्ष को समर्थन देकर हमें इसमें अपनी भूमिका निभानी होगी। लौंच के 15 दिन में ही वेबसाईट बहुत ही सक्रिय रही है। अनेक क्षेत्र के निजीकरण की खबरें और निजीकरण विरोधी संघर्ष की ताजा खबरें हमें इस फोरम से पता चल रही हैं। ऐसी खबरें हमें देने के लिए मैं फोरम को धन्यवाद देता हूँ। आशा है कि यह फोरम हमेशा ऐसी ही सक्रिय रहेगी और निजीकरण को रोकने में और जिन क्षेत्र में पहले ही निजीकरण आगे बढा है, उनमें निजीकरण को वापस लेने में काम करती रहेगी।
– प्रथमेश कुमार, ठाणे
13/8/2021