कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवादाता की रिपोर्ट
मई दिवस के उपलक्ष्य पर झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन ने झंडोत्तोलन करते हुए मई दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए धनबाद में जुलूस निकाला।
मई दिवस के उपलक्ष्य पर यूनियन नेता ने बताया कि पहले 15-15 घंटे काम लिया जाता था। काम के घंटे निर्धारित नहीं थे। मालिक अपने मन मुताबिक कार्य लेते थे। कम के घंटे निर्धारित और कम करने के लिए फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनाइजेशन ट्रेड एंड लेबर ने अमेरिका के औद्योगिक नगर शिकागो शहर में 1886 में मजदूरों ने शांतिपूर्ण जुलूस निकाला जिससे बौखला कर मालिकों ने आंदोलन को कुचलने के लिए अमानवीय अत्याचार शुरू किया और अंत में गोली चला दी जिसमें अनेक मजदूरी मारे गए।
आज विद्युत निगम प्रबंधन भूल गया है कि कोरोना काल में जब फ्लाइट बंद थे, रेल बंद थी, कोर्ट कचहरी बंद थे, जान हथेली पर रखकर विद्युत कर्मियों ने विद्युत आपूर्ति जारी रखी। संक्रमित एरिया में जाकर ब्रेकडाउन अटेंड किये जिसमें कुछ कर्मियों की मौत हुई है। इसके बावजूद भी लंबित मांग 6% ऊर्जा भत्ता का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने घोषणा की कि यदि मांग पूरी नहीं की गयी तो विद्युत् कर्मी आगामी 10 जून से राज व्यापी आंदोलन को करो या मरो के तर्ज पर लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होंगे।