ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) का संदेश
एमडी को एसोसिएशन के दफ्तर में आकर पूरी कार्यकारिणी काउंसिल से माफी मांगनी पड़ी
घटना 03 जून की है। बाल तल स्थित राइल पत्थर में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के किसी कार्य की वजह से बिजली का केबल कट गया था। एमडी बसीर उल हक चौधरी, आईएएस घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने अभियंताओं की कोई भी बात सुने बगैर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को मां की गाली बड़े भद्दे ढंग से देना शुरू कर दिया। जब सहायक अभियंता ने कुछ कहना चाहा तो उसी टोन में सहायक अभियंता को बहन की गाली देना शुरू कर दिया। एमडी द्वारा उच्चारण किए गए गाली के अभद्र शब्दों को मेरे लिए लिख पाना संभव नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बालतल से अमरनाथ की यात्रा प्रारंभ होती है। अमरनाथ यात्रा प्रारंभ होने वाली है। उसकी तैयारियां चल रही है। ऐसे में जम्मू कश्मीर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया कि पावर इंजीनियर्स कार्य बहिष्कार नहीं करेंगे, जिससे यात्रा में कोई व्यवधान न हो और यात्रियों को कोई तकलीफ न हो। किंतु यह निर्णय लिया गया कि यदि एमडी बशीर उल हक चौधरी आईएएस बिना शर्त माफी नहीं मांगते तो पावर इंजीनियर्स, पावर कारपोरेशन की और सरकार की किसी भी मीटिंग में शरीक नहीं होंगे।
अंततः प्रमुख सचिव ऊर्जा से वार्ता हुई। वार्ता के बाद यह तय हुआ कि एमडी बशीर उल हक चौधरी एसोसिएशन के दफ्तर में जाएंगे और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सामने अपने अभद्र आचरण के लिए बिना शर्त माफी मांगेंगे।
12 जून को एमडी बसीर उल हक चौधरी एसोसिएशन के दफ्तर में आए। एग्जीक्यूटिव काउंसिल के किसी भी सदस्य ने विरोध स्वरूप खड़े होकर उनका अभिवादन नहीं किया। सब लोग शांति पूर्वक बैठे रहे। बसीर उल हक चौधरी ने अपने किए पर बिना शर्त माफी मांगी। पावर इंजीनियर्स की एकता के सामने वे इतने डरे हुए थे कि उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी गलती कभी भी नहीं करेंगे और मीडिया के सामने भी माफी मांगने को तैयार है।
कश्मीर घाटी में हुई यह घटना कोई मामूली बात नहीं है। कश्मीर घाटी बहुत ही संवेदनशील स्थल है। पावर इंजीनियर्स ने अमरनाथ यात्रा को देखते हुए कार्य बहिष्कार न कर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। अपनी एकता के बल पर उन्होंने अहंकारी को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। जम्मू कश्मीर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स ग्रेजुएट एसोसिएशन की इस फौलादी एकता को नमन करते हुए,
इंकलाब जिंदाबाद!
AIPEF