कॉम. शैलेन्द्र दुबे, अध्यक्ष एआईपीईएफ से प्राप्त जानकारी के आधार पर
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) ने APSEB इंजीनियर्स एसोसिएशन और जॉइंट एक्शन कमिटी ऑफ़ आंध्र प्रदेश को अपना स्पष्ट समर्थन देने की घोषणा की है, जिन्होंने 27 जुलाई से अपना आंदोलन शुरू किया है।
AIPEF ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर आंध्र प्रदेश बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की उचित मांगों को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि यदि आंदोलन के कारण किसी कर्मचारी/अभियंता को उत्पीडित किया जाता है तो अन्य राज्यों के विद्युत अभियंता मूकदर्शक नहीं बने रहेंगे। पत्र में मुख्यमंत्री को यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि आंध्र प्रदेश के बिजली क्षेत्र के मज़दूर काम बंद हड़ताल करते हैं तो अन्य राज्यों का कोई भी बिजली क्षेत्र का इंजीनियर आंध्र प्रदेश सरकार को बिजली क्षेत्र के संचालन में मदद नहीं करेगा।
AIPEF ने अपने सभी सदस्यों और पदाधिकारियों को आंदोलन के बारे में सूचित करते हुए एक संदेश भेजा है और उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि “… वर्तमान आंदोलन में उनके राज्य से किसी भी इंजीनियर को आंध्र प्रदेश के लिए प्रतिनियुक्त नहीं किया जाएगा और यदि प्रतिनियुक्त किया गया है तो वे अपने कार्यकाल के दौरान आंध्र प्रदेश में ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं करेंगे/उपस्थित नहीं होंगे……”
ऑल इंडिया फोरम अगेंस्ट प्राइवेटाइजेशन (AIFAP) आंध्र प्रदेश बिजली क्षेत्र के मज़दूरों के उचित संघर्ष के लिए AIPEF द्वारा दी गई एकजुटता की तहे दिल से सराहना करता है। AIFAP के सभी घटक निस्संदेह आंध्र प्रदेश बिजली क्षेत्र के मज़दूरों को अपना समर्थन देंगे।
एक पर हमला, सब पर हमला है!