तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन ने अपनी शताब्दी मनाई, देश की सार्वजनिक बिजली कंपनियों को पूंजीपतियों के कब्जे से बचाने के लिए देश के बिजली कर्मचारियों को एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए – कॉमरेड मोहन शर्मा

कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट


तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन की शताब्दी 31 जनवरी 2023 को चेन्नई में मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव कॉम. अमरजीत कौर द्वारा ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का झंडा फहराकर किया गया। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज के महासचिव,कॉ म. मोहन शर्मा, द्वारा ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज का झंडा फहराया गया।। कार्यक्रम में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज के उप महासचिव कॉमरेड समीउल्लाह, , राष्ट्रीय सचिव कॉम. कृष्णा भोयर, राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड. बैजनाथ सिंह भी मौजूद थे।

तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव श्री एस मूर्ति ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और तमिलनाडु विद्युत मंडल एसोसिएशन के इतिहास को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने तमिलनाडु बिजली कर्मचारी आंदोलन में श्री एस. सी. श्रीकृष्णन के योगदान को याद किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, कॉम. समीउल्लाह ने कहा कि कॉम. एस. सी. श्रीकृष्णन ने देश में बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कर्नाटक में बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को भी मजबूत बनाया। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

कॉम. कृष्णा भोयर ने संबोधित करते हुए कहा कि कॉम. ए.बी. बर्धन, कॉम. एस.सी. श्रीकृष्णन और कॉम. हरीश तिवारी ने देश के बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों को एकजुट कर राष्ट्रीय स्तर पर ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज का गठन किया। इन नेताओं की लड़ाई के कारण ही आज देश में बिजली कर्मचारी समृद्ध हुए हैं। 2014 से केंद्र की सरकार संसद में संशोधित बिजली बिल पारित कर देश की विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों का निजीकरण करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य विद्युत श्रमिक महासंघ की ओर से श्रमिक महासंघ शताब्दी समारोह की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

कॉम. मोहन शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कॉम. कृष्णन ने बिजली कर्मचारियों के आंदोलन में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने देश के विभिन्न श्रमिकों को एकजुट किया और राष्ट्रीय स्तर पर बिजली कर्मचारियों के लिए लड़ने वाला एक संगठन बनाया। वह कॉम ए.बी. बर्धन और कॉम. हरीश तिवारी के सहयोगी थे। आज देश में बिजली कर्मचारी उनके संघर्षों के कारण समृद्ध हुए हैं। वर्ष 2003 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने विद्युत अधिनियम पारित कर देश में समेकित विद्युत बोर्डों को विभाजित कर उनका निगमीकरण कर दिया। 2014 से सत्ता में मौजूद सरकार संसद में संशोधित बिजली विधेयक पारित करके सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों का निजीकरण करने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के साथ-साथ ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज के प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण के कई प्रयासों को सफलतापूर्वक रोका गया। केंद्र सरकार कभी भी संसद में नया बिजली बिल पास करा सकती है. और सार्वजनिक उद्यमों को पूंजीपतियों को सौंप दें। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद के बजट सत्र में देश के सभी सार्वजनिक उद्यमों को निजी पूंजीपतियों को बेचने के कार्यक्रम की घोषणा की है। उन्होंने देश के बिजली कर्मचारियों की ओर से तमिलनाडु बिजली कर्मचारी महासंघ के शताब्दी वर्ष समारोह की बधाई दी।

कॉम. अमरजीत कौर ने कहा कि सत्ता में बैठी सरकार केवल कुछ पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने कई नए कानून बनाए हैं और पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है। इस सरकार की नीतियों के खिलाफ जनवरी में दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन हो रहा है और उस आंदोलन में देश के करोड़ों किसान और मजदूर हिस्सा लेंगे।

कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापन तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के संयुक्त सचिव श्री एआर मथुसुथन बाबू द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में तमिलनाडु राज्य के सैकड़ों कर्मचारी, इंजीनियर और अधिकारी शामिल हुए।

 

 

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