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- »लखनऊ में 22 जून को आयोजित विशाल बिजली महापंचायत ने उत्तर प्रदश के दो वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में अनवरत व्यापक जन आंदोलन चलाने का निर्णय लिया
- » सैमसंग के मज़दूर अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ रहे हैं
- »AITUC ने रेलवे बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मियों को अनुबंध पर रखने के फैसले का विरोध किया
- »भारत के लोको पायलटों के सामने छिपे स्वास्थ्य संकट
- »बिजली के निजीकरण के बाद उत्तर प्रदेश को लालटेन युग से बचाने के लिए 22 जून को लखनऊ चलो
AILRSA द्वारा आयोजित निरंतर विरोध प्रदर्शन बहुत प्रेरणादायक हैं। इस पोस्टर में दुनिया भर में रेलवे के निजीकरण के अनुभव का वर्णन किया गया है: निजीकरण के कारण टिकटों की कीमतें बढ़ीं, दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ीं और कई रेल मार्ग बंद हो गए। यह जानकारी मूल्यवान है क्योंकि इस से हम समझ सकते है कि हमारे देश के लोगों के लिए रेलवे का निजीकरण कितना हानिकारक होगा। हमें इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक लेजाना चाहिए।