श्री प्रकाश, सहायक लोको पायलट (त्रिची, दक्षिण रेलवे), से प्राप्त संदेश
🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस – लोको पायलटों के लिए सच्ची आज़ादी की पुकार 🇮🇳
आज हम अपने देश की आज़ादी के लिए अनगिनत बलिदान देने वाले वीरों को याद करते हैं। लेकिन 2025 में भी, लोको पायलट (LP) और असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) गरिमा, सुरक्षा और न्यायपूर्ण व्यवहार के लिए एक ख़ामोश लड़ाई लड़ रहे हैं। हम करोड़ों जानें ढोने वाली ट्रेनों को अक्सर 12 घंटे से भी ज़्यादा बिना उचित आराम के चलाते हैं, गंदे और अस्वच्छ रनिंग रूम में सोते हैं, और सिस्टम की गलती होने पर भी सज़ा केवल हमें ही मिलती है। यहां तक कि गूगल सर्च भी सच बताता है – हमारी नौकरी को “ग़ुलाम जैसी” कहता है। हमारे लिए सच्ची आज़ादी तभी आएगी जब ड्यूटी घंटे मानवीय होंगे, आराम की सुविधाएं सम्मानजनक होंगी, वेतन हमारी ज़िम्मेदारी के अनुरूप होगा, और नीतिगत फैसलों में हमारी आवाज़ को सुना जाएगा। इस स्वतंत्रता दिवस पर, आइए हम एकजुट होकर रेलवे बोर्ड, यूनियनों और भारत की जनता को याद दिलाएं: सुरक्षित पायलट = सुरक्षित ट्रेन = सुरक्षित भारत। हमारी आज़ादी ही आपकी सुरक्षा है। 🚂✨🇮🇳