श्री देवीदास तुलजापुरकर (संयोजक, यूनाइटेड फोरम ऑफ IDBI यूनियंस) से प्राप्त IDBI और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में संदेश और वीडियो
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया में तेज़ी ला रही है, जो लगातार अच्छा मुनाफ़ा कमा रहा है और NPA (खराब ऋण) न्यूनतम स्तर पर है। लगभग सभी वित्तीय मानकों पर बैंक का प्रदर्शन उत्कृष्ट है। क्या यह मुनाफ़े का निजीकरण नहीं है? आत्मनिर्भरता और स्वदेशी की बात करने वाली सरकार इसे विदेशी संस्थाओं को बेच रही है। कौन आवाज़ उठाएगा?
सवाल सिर्फ़ आईडीबीआई का नहीं है। अगर ऐसा हुआ, तो सरकार दूसरे सरकारी बैंकों का भी निजीकरण करने की राह पर चल पड़ेगी। सवाल भारतीय बैंकिंग और वित्त की संप्रभुता का है! कृपया इस वीडियो को कर्मचारियों, अधिकारियों, ग्राहकों और आम जनता के बीच व्यापक रूप से प्रसारित करें ताकि उन्हें बैंकिंग और वित्त को प्रभावित करने वाले एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे के प्रति जागरूक किया जा सके।
देवीदास तुलजापुरकर
संयोजक, यूनाइटेड फोरम ऑफ IDBI यूनियंस
9422209380 drtuljapurkar@yahoo.com