मज़दूरों की यूनियनें और फ़ेडरेशनों द्वारा श्रम संहिताओं के खिलाफ़ संघर्ष को और तेज़ किया जाएगा

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और सेक्टरल फेडरेशन/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

प्रेस विज्ञप्ति की मुख्य बातें:

  • संयुक्त मंच चारों श्रम संहिताओं को वापस लेने तक संघर्ष को चरणबद्ध रूप से तेज़ करने का संकल्प लेता है।
  • CTUs फरवरी 2026 में देशव्यापी प्रत्यक्ष कार्रवाई सहित आम हड़ताल का आह्वान करेंगे।
  • CTUs SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) के साथ समन्वय करेंगे, जो MSP, कर्ज माफी आदि अपनी मूल मांगों तथा बीज विधेयक और बिजली संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ संघर्ष कर रहा है।
  • संयुक्त मंच ने मांग की कि सरकार को इंडिगो प्रकरण से सबक लेना चाहिए और बिजली, पेट्रोलियम, रेलवे, रक्षा, दूरसंचार और बैंकिंग आदि सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और सरकारी विभागों के जल्दबाजी में निजीकरण के कदम को तुरंत रोकना चाहिए।

प्रेस विज्ञप्ति

आज 9 दिसंबर 2025 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (CTUs) और विभिन्न सेक्टरल फेडरेशनएसोसिएशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच द्वारा प्रेस को निम्न बयान जारी किया गया।

प्रेस विज्ञप्ति

  • केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (CTUs) और सेक्टरल फेडरेशनों/एसोसिएशनों का संयुक्त मंच चारों श्रम संहिताओं को वापस लेने तक संघर्ष को चरणबद्ध रूप से तेज़ करने का संकल्प लेता है
  • CTUs श्रमिक वर्ग को श्रम संहिताओं के विरुद्ध उनकी व्यापक और त्वरित प्रतिरोधात्मक प्रतिक्रिया तथा 26 नवंबर 2025 को हुए विशाल विरोध प्रदर्शन में भारी भागीदारी के लिए बधाई देता है।
  • CTUs श्रमिक वर्ग में श्रम संहिताओं के खिलाफ अभियान को और तेज़ करेंगे, सरकार और कॉरपोरेट मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार को उजागर करेंगे और श्रमिक वर्ग पर इन संहिताओं को थोपने के किसी भी प्रयास को चुनौती देंगे।
  • CTUs फरवरी 2026 में देशव्यापी प्रत्यक्ष कार्रवाई सहित आम हड़ताल का आह्वान करेंगे। हड़ताल की तिथि 22 दिसंबर 2025 की बैठक में तय की जाएगी।
  • CTUs SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) के साथ समन्वय करेंगे, जो MSP, कर्ज माफी आदि अपनी मूल मांगों तथा बीज विधेयक और बिजली संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ संघर्ष कर रहा है।
  • CTUs जनता के सभी वर्गों और सभी विपक्षी दलों से इस संघर्ष में समर्थन और एकजुटता की अपील करते हैं।

संयुक्त मंच की बैठक 8 दिसंबर 2025 को हाइब्रिड तरीके से आयोजित हुई। बैठक ने श्रम संहिताओं की अधिसूचना के बाद की स्थिति की समीक्षा की। यह उत्साहजनक है कि श्रमिक वर्ग ने इन विरोधीश्रम संहिताओं के विरुद्ध स्वतःस्फूर्त प्रतिक्रिया दी, जिन्हें सरकार पिछले पाँच वर्षों तक देश के मज़दूर आंदोलन के कड़े प्रतिरोध के कारण अधिसूचित नहीं कर सकी थी।

पूरे देश में व्यापक विरोध हुए, विशेषकर कार्यस्थलों पर। यहां तक कि गैरसंगठित श्रमिक और BMS से जुड़े श्रमिक भी प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसमें संहिताओं की प्रतियों का दहन भी शामिल था। पत्रकारों के बीच भी व्यापक विरोध देखने को मिला।

26 नवंबर 2025 को देश ने ज़िला/खंड मुख्यालयों तथा कार्यस्थलों पर बड़े पैमाने पर जुटान देखा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी गांवों सहित बड़ी संख्या में जुटान किया, जो बीज विधेयक और श्रम संहिताओं के साथसाथ अपनी मूल मांगों के विरुद्ध भी थे। अन्य वर्गों — विशेषकर छात्र और नौजवानों — ने भी भारी संख्या में विरोध में भाग लिया। हम इस बुनियादी अधिकारों को बचाने के संघर्ष में शामिल होने के लिए सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं।

श्रम संहिताओं के तथाकथित ‘फायदे’ बताने वाली अभूतपूर्व झूठे प्रचारअभियान — विशाल विज्ञापन, पेड न्यूज़ और पक्षपातपूर्ण लेख — यह दिखाते हैं कि सरकार और शासक वर्गों में घबराहट व्याप्त है। श्रम विभागों और अदालतों में पूरी तरह अफरातफरी की स्थिति है।

पहली बार सभी विपक्षी दल श्रम संहिताओं को वापस लेने की मांग को लेकर एक मंच पर आए हैं। हम इस कदम का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि वे इन संहिताओं के निरस्तीकरण तक यह समर्थन जारी रखेंगे।

बैठक ने इंडिगो से संबंधित हालिया उत्पन्न स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। यह घटना कॉरपोरेट अहंकार की पराकाष्ठा व श्रमिकों और यात्रियों की सुरक्षा की पूर्ण उपेक्षा को दर्शाती है। रणनीतिक क्षेत्रों में निजीकरण और एकाधिकार पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की पूर्व चेतावनियाँ अब सही सिद्ध हो रही हैं।

हम न्यायिक जांच, दोषियों को कड़ी सज़ा और प्रभावित सभी लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग करते हैं। सरकार को इस अनुभव से सीख लेनी चाहिए और विशेषकर रणनीतिक क्षेत्रों — बिजली, पेट्रोलियम, रेलवे, रक्षा, दूरसंचार और बैंकिंग — में चल रहे जल्दबाज़ी भरे निजीकरण को तुरंत रोकना चाहिए।

निर्णय लिया गया कि श्रम संहिताओं की वापसी तक चरणबद्ध और निरंतर संघर्ष खड़ा किया जाएगा। संयुक्त मंच ने फरवरी 2026 में देशव्यापी आम हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। हड़ताल की तिथि अगली बैठक में 22 दिसंबर 2025 को घोषित की जाएगी।

ट्रेड यूनियन कार्यस्थल/स्थानीय/ज़िला/राज्य स्तर पर विरोध कार्यक्रम आयोजित करेंगी। प्लेटफ़ॉर्म के सभी राज्य अध्याय एक सप्ताह के भीतर बैठक कर विशाल अभियान—जथों, रैलियों, जुटानों, घरघर अभियान—की विस्तृत रूपरेखा तैयार करेंगे और क्षेत्रीय कार्रवाइयों व संघर्षों को तेज करेंगे, जो अंततः प्रत्यक्ष कार्रवाई, जिसमें पहले चरण में आम हड़ताल शामिल है, तक ले जाएंगे।

संयुक्त मंच, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के साथ तथा विभिन्न तबकों के मंचों के साथ तालमेल करेगा जो इस कॉरपोरेटपरस्त और सांप्रदायिक सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्षरत हैं।

हम संसद में सभी विपक्षी दलों और विशेषकर युवाओं तथा छात्रों से इस संघर्ष में समर्थन और एकजुटता की अपील करते हैं, ताकि श्रमिक जनता के बुनियादी अधिकारों और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को बचाया जा सके।

जारीकर्ता:

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और सेक्टरल फेडरेशन/एसोसिएशनों का संयुक्त मंच

INTUC  AITUC  HMS  CITU  AIUTUC  TUCC  AICCTU  LPF  UTUC

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments