बीएसएनएल कर्मचारी संघ (बीएसएनएलईयू), कर्नाटक सर्कल द्वारा अभियान
विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई ने साबित कर दिया है कि, इस देश के लोगों के समर्थन से, सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को सफलतापूर्वक रोका जा सकता है। इसलिए, हमारा महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि हम लोगों का समर्थन बड़े पैमाने पर जुटाएं और बीएसएनएल को समाप्त करने की साजिशों को हराएं और इस देश के सार्वजनिक क्षेत्र को भी बचाएं।
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बी एस एन एल का उदाहरण एक ऐसा उदाहरण है जिससे स्पष्ट होता है कि कैसे जानबूझकर एक के बाद एक सरकारों ने , पिछले ३० वर्षों में, उसे खोखला बनाया । कुछ बड़े पूंजीपतियों के लिए यह क्षेत्र खुला छोड़ दिया गया । “धीरूभाई का सपना, सबका माल अपना” यह तभी तो मुमकिन हुआ ।
ऊपर प्रस्तुत किए गए तथ्य कठोर हैं। बीएसएनएल के पास हजारों करोड़ की संपत्ति है और सरकार इसे बेहद कम दाम पर निजी कंपनियों को बेचना चाहती है। बीएसएनएल के पास सबसे पहले 4 जी सेवा शुरू करने के लिए सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे थे, जबकि जियो, एयरटेल, वोडाफोन जैसी निजी कंपनियों में से कोई भी 4 जी सेवाएं प्रदान करने के लिए काबिल भी नहीं थे।
सरकार ने जानबूझकर बीएसएनएल को लोगों को 4जी सेवा प्रदान करने से मना किया है ताकि वह देश के सामने इसकी खराब तस्वीर पेश कर सके और इसके निजीकरण पर जोर दे सके।
यह व्यवस्था स्पष्ट रूप से बहुसंख्यक मेहनतकश जनता की जरूरतों की परवाह नहीं करती है, बल्कि केवल कुछ मुट्ठी भर लोगों के एजेंडे को पूरा करने में दिलचस्पी रखती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सी पार्टी सत्ता में है क्योंकि उन्होंने इस देश के पूंजीपति वर्ग के मुनाफे को बढ़ाने के लिए सालों-साल काम किया है।
हमें सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के साथ एकजुट होने और निजीकरण के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ने की जरूरत है।
सबसे पहले मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एक ऐसा मंच है जहां सभी लोग एक साथ आ सकते हैं और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों के बारे में जान सकते हैं। मैं उन सभी मजदूर वर्ग के लोगों की सराहना करती हूं जो सरकार द्वारा इसे कुचलने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद निजीकरण विरोधी अभियान पर अथक प्रयास कर रहे हैं। जब मैं देखती हूं कि अलग अलग सार्वजनिक क्षेत्रों में क्या हो रहा है, तो एक पैटर्न देखाई देता है। अति धनी लोग अपनी रणनीतियों को लागू करने के लिए सरकार को कठपुतली के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। हम सभी को इसके खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ना होगा। कार्यकर्ताओं की एकता अमर रहे !