केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर किया ।
किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, जनविरोधी, एकाधिकार समर्थक पूंजीवादी बिजली संशोधन विधेयक 2021 को खत्म किये जाने की मांग जारी है।
संयुक्त किसान मोर्चा का बयान (एसकेएम)
संयुक्त किसान मोर्चा
प्रेस वक्तव्य
19 नवंबर 2021, सुबह 10.30 बजे
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में अध्यादेश के रूप में पहले लाए गए तीनों किसान विरोधी, कॉर्पोरेट समर्थक काले कानूनों को रद्द करने के भारत सरकार के फैसले की घोषणा की। उन्होंने गुरुनानक जयंती पर इसकी घोषणा करने का फैसला किया।
संयुक्त किसान मोर्चा इस फैसले का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने का इंतजार करेगा। अगर ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल तक चले किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी। हालांकि, इस संघर्ष में करीब 700 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी में हुई हत्याओं सहित इन परिहार्य मौतों के लिए केंद्र सरकार का हठ जिम्मेदार है।
एसकेएम प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाता है कि किसानों का आंदोलन सिर्फ तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए नहीं है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह महत्वपूर्ण मांग अभी लंबित है। इसके आलावा बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना भी बाकी है। एसकेएम सभी घटनाक्रमों पर ध्यान देगा, जल्द ही इसकी बैठक करेगा और आगे के फैसलों की घोषणा करेगा।
द्वारा जारी –
बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चारूनी, हन्नन मोल्लाह, जगजीत सिंह डालेवाल, जोगिंदर सिंह उग्रहान, शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’, युधिष्ठिर सिंह
संयुक्त किसान मोर्चा
ईमेल: samyuktkisanmorcha@gmail.com