कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवादाता की रिपोर्ट
बिजली उपभोक्ताओं का सम्मलेन देश में पहली बार 8 व 9 अप्रैल को भोपल में ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन ने आयोजित किया। दो दिवसीय सम्मेलन में 17 राज्यों के उपभोक्ता प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सपन कुमार घोष ने की।
समारोह का उद्घाटन ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र दुबे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया। (उद्घाटन भाषण का वीडियो संलग्न है) श्री दुबे ने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक 2022, मानक बोली दस्तावेज और बिजली मंत्रालय द्वारा जारी किए जा रहे सभी बिजली नियम केवल बिजली क्षेत्र के निजीकरण के लिए हैं और इससे आम उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी।
विधेयक यह प्रस्तावित करता है कि एक लागत प्रभावी टैरिफ लागू हो। टैरिफ के 80 प्रतिशत तक एक प्रमुख घटक के रूप में बिजली खरीद लागत है और इस प्रकार घरेलू बिजली टैरिफ 7 रुपए प्रति यूनिट तक बढ़ सकता है। मुंबई में दो निजी कंपनियों के मामले में घरेलू टैरिफ स्लैब 14 से 16 रुपए प्रति यूनिट तक जाता है। बिजली क्षेत्र के निजीकरण के बाद घरेलू उपभोक्ताओं का भी यही हाल होगा क्योंकि निजी कंपनियां दान के लिए नहीं बल्कि गारंटेड मुनाफे के लिए आ रही हैं।
एआईपीईएफ के प्रवक्ता श्री वी के गुप्ता ने बताया कि बिजली संशोधन विधेयक बिजली क्षेत्र के पूर्ण निजीकरण का दस्तावेज है। विधेयक का उद्देश्य कंपनियों को करदाताओं की कीमत पर विकसित राज्य डिस्कॉम के बुनियादी ढांचे का उपयोग करके बिजली की आपूर्ति करने की शक्ति देना है।
राष्ट्रीय महासचिव श्री समर सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में बिजली एक आवश्यक उपयोगिता है। जिसके बिना आधुनिक सभ्यता एक क्षण भी नहीं चल सकती। स्वाभाविक रूप से बिजली को वर्तमान में लोगों की आजीविका के मौलिक बुनियादी अधिकार के रूप में माना जाना चाहिए।
सम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं ने बिजली निजीकरण और विधेयक को उपभोक्ता विरोधी कदम बताया। सम्मलेन में मध्य प्रदेश के फोरम फॉर विद्युत् एम्प्लोइज एंड इंजीनियर्स के संयोजक श्री वी के एस परिहार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन के सम्मलेन ने बिजली के निजीकरण को बंद करने और बिजली संशोधन विधेयक 2022 को रद्द करने सहित 14 सूत्रीय मांगें केंद्र सरकार के समक्ष रखीं।