मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
1 मई, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के अवसर पर देशभर के मज़दूरों ने विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित कीं। उन्होंने मज़दूरों द्वारा 1886 में शिकागो में किये गये संघर्ष को सलाम किया। शिकागो के मज़दूरों ने 8 घंटे के काम के दिन के अधिकार की लड़ाई लड़ी थी। देशभर के मज़दूरों ने मज़दूर वर्ग पर हो रहे हमलों का विरोध किया जैसे कि निजीकरण, ठेकाकरण व मज़दूर-विरोधी क़ानून और नीतियां, आदि। उन्होंने काम करने की बेहतर स्थिति के अपने अधिकार की मांग की।
दिल्ली
दिल्ली में ट्रेड यूनियनों ने एक संयुक्त रैली का आयोजन किया। उन्होंने मज़दूर-विरोधी श्रम संहिताओं, निजीकरण, आउटसोर्सिंग, मुद्रास्फीति और बेरोज़गारी का विरोध किया।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कई रैलियां आयोजित की गईं, जहां मज़दूरों ने राज्य और केंद्र सरकारों की जन-विरोधी, मज़दूर-विरोधी नीतियों की कठोर निंदा की। कोयंबटूर और तिरुपुर में यूनियनों ने मांग की कि केंद्र सरकार चारों श्रम संहिताओं को वापस ले। सभी राज्यों में नुक्कड़ों, गलियों और ग्राम सभा के स्तर पर सभायें आयोजित की गईं।
पंजाब
पंजाब के अमृतसर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, अलग-अलग उद्योगों के मज़दूरों, किसानों, छात्रों और मज़दूरों की यूनियनों ने सभायें आयोजित कीं और शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, जलापूर्ति और बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं को महंगा करने वाली सरकारी नीतियों की निंदा की। उन्होंने राज्य के कई कस्बों और शहरों में सभाओं का आयोजित किया। पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन (पी.एस.एस.एफ.) और सफाई सेवक यूनियन के मज़दूरों ने स्थानीय नगर परिषद परिसर में एक संयुक्त रैली का आयोजन किया। स्थानीय लेखकों और बुद्धिजीवियों ने भी एक कार्यक्रम आयोजित किया। कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी इस अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया।
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में सफ़ाई कर्मचारियों ने भी मई दिवस की रैलियों में भाग लिया।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में मज़दूरों ने हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना जिलों में रैलियां निकालीं। रैलियों में फैक्ट्री मज़दूरों, रिक्शा चालकों और फेरीवालों की यूनियनों सहित विभिन्न यूनियनों ने भाग लिया। कई छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसरों में मई दिवस मनाया।
बिजली, रेलवे, बैंक और रक्षा क्षेत्र के मज़दूरों ने देश के कई हिस्सों में विरोध जुलूस आयोजित किए। महाराष्ट्र और झारखंड में बिजली मज़दूरों ने बुनियादी अधिकारों को प्राप्त करने के लिए, कई वर्षों से किये गये मज़दूरों के बलिदान को याद किया और आज अपने अधिकारों पर हो रहे हमलों के खि़लाफ़ लड़ने का संकल्प किया।
मध्य प्रदेश में ठेके पर काम करने वाले बिजली मज़दूरों ने स्थाई किये जाने, ठेका प्रणाली को पूरी तरह से समाप्त करने और पार्ट-टाईम पर काम करने वाले मज़दूरों को पूरे समय के लिये काम पर रखने की मांग को लेकर मई दिवस की रैलियां आयोजित की गईं।
असम गुवाहाटी
रेल मज़दूरों ने असम, गुजरात और महाराष्ट्र सहित पूरे देश में सभाओं, जुलूसों और बाइक रैलियों का आयोजन किया। उन्होंने निजीकरण, नई पेंशन योजना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और रेलवे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) का विरोध किया। राजस्थान के अजमेर जिले में रेलवे मज़दूरों और अन्य क्षेत्रों के मज़दूरों ने विशाल रैलियों और सभाओं का आयोजन किया।
कई जन संगठनों ने पूरे हिन्दोस्तान में मई दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम किये और जुलूस निकाले।
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