कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
मंगलवार 4 जुलाई 2023 को, तमिलनाडु बिजली बोर्ड में काम करने वाले संविदा मज़दूरों ने बड़ी संख्या में अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर रामनाथपुरम कलक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू से संबद्ध तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लाइज के केंद्रीय संगठन के सदस्यों ने किया।
इनमें से 200 से अधिक कर्मचारी पिछले 10 वर्षों से अनुबंध के तहत TNEB के लिए काम कर रहे हैं। प्रारंभ में, उन्हें सौंपे गए कार्य के अनुसार भुगतान किया जाता था, उदाहरण के लिए बिजली के खंभे स्थापित करना, ट्रांसफार्मर स्थापित करना आदि। बाद में, उन्हें वायरमैन को सहायता प्रदान करने का काम सौपा गया था और इसके लिए उन्हें बहुत कम राशि का भुगतान किया जा रहा था।
इन मज़दूरों को बिजली उत्पादन, पारेषण, रखरखाव और वितरण के लिए जिम्मेदार विभागों में भर्ती किया गया था। वे स्थाई प्रकृति का कार्य करते रहे हैं। लेकिन उन्हें अपना वादा किया हुआ दैनिक वेतन भी नहीं मिला है! ये ही वे मज़दूर हैं जिन्होंने चक्रवात वरदा, ओच्ची जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली पुन: शुरू करने के लिए स्थायी मज़दूरों के साथ दिन-रात काम किया, और उसके लिए कई बार अपनी जान जोखिम में डालकर भी काम किया।
TNEB संविदा मज़दूर कई वर्षों से अपने अधिकारों और स्थायी मज़दूर के दर्जे के लिए लड़ रहे हैं। तमिलनाडु के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान, डीएमके, जो वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी है, ने उनसे वादा किया था कि उन्हें TNEB के स्थायी मज़दूरों के रूप में शामिल किया जाएगा। मज़दूर अब मांग कर रहे हैं कि डीएमके अपना वादा पूरा करे!
पूरे देश में, अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में अनुबंध मज़दूरों के रूप में काम करने वाले लाखों मज़दूर “स्थायित्व” की मांग उठा रहे हैं, जो उन्हें जीवन में कुछ हद तक स्थिरता प्रदान होगी । लेकिन पूंजीपति वर्ग और उनके आदेश के तहत केंद्र या राज्यों में सत्ता पर मौजूद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसके बजाय, ठेकेदारीकरण को बढ़ाने पर जोर दिया है, जिसका अर्थ है मेहनतकश लोगों के लिए अस्थिरता और अनिश्चितता में वृद्धि।
इसलिए समग्र मजदूर वर्ग के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संघर्ष है!