इफ्टू राष्ट्रीय कमेटी का वक्तव्य
इफ्टू राष्ट्रीय कमेटी का वक्तव्य:
एचईसी रांची के हड़ताली कर्मियों के साथ एकजुटता!
पिछले तीन दिनों से एचईसी रांची के मजदूर एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष कमेटी के बैनर तले 11 अक्टूबर को मजदूरों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के खिलाफ हड़ताल पर हैं, जब वे कंपनी के तीन वरिष्ठ निदेशकों से प्रबंधन के साथ वार्ता की मांग करते हुए एचइसी मुख्यालय तक आये थे। वे मजदूरों के 20 महीने के वेतन का भुगतान नहीं होने, एचईसी के लिए कार्यशील पूंजी और पीएसयू के आधुनिकीकरण के संबंध में बातचीत की मांग कर रहे थे। बीएमएस को छोड़कर एचईसी की सभी ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल का समर्थन किया है।
केंद्र सरकार की देश के पूरे सार्वजनिक क्षेत्र को औने-पौने दाम बेच निजीकरण करने या बंद करने की घोषित नीति है। यह क्षेत्र जनता के पैसे और आम लोगों से ली गई जमीन पर बनाया गया था। एचईसी एक ऐसा प्रतिष्ठान है जिसने देश में सैकड़ों उद्योगों की स्थापना में भूमिका निभाई है और सरकार के लिए करोड़ों का मुनाफा कमाया है। अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की तरह, बड़े निजी खिलाड़ियों, मुख्यतः साम्राज्यवादियों की सेवा के लिए इसे जानबूझकर परिदृश्य से हटाया जा रहा है। लेकिन केंद्र सरकार इसके योगदान को लोगों की नजरों से छिपा नहीं सकते- हाल ही में एचईसी सफल चंद्रयान 3 मिशन के लिए महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण के लिए खबरों में था, जिसके बल पर मोदी सरकार ने अपने लिए प्रशंसा हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया!
इफ्टू राष्ट्रीय कमेटी एचईसी के कर्मचारियों के हड़ताल संघर्ष के प्रति पूरी एकजुटता प्रकट करती है। हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार मजदूरों की लंबित मजदूरी का भुगतान करने और एचईसी के आधुनिकीकरण और पुनरुद्धार पर ध्यान देने की मांगों पर तत्काल ध्यान दे। हम केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने या बंद करने की नीति को रद्द करने की भी मांग करते हैं।
एचईसी कर्मचारियों का संघर्ष जिंदाबाद!
मजदूर वर्ग की संघर्षशील एकता, जिंदाबाद!
सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण/बंद करने की नीति रद्द करें!
अपर्णा टी श्रीनिवास
अध्यक्ष महासचिव
राष्ट्रीय कमेटी
इफ्टू
दिनांक 14 अक्टूबर 2023।