महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री महाराष्ट्र पावर सेक्टर के 43,000 अनुबंध कर्मचारियों की स्थायीता और कर्मचारियों के लिए पेंशन के मुद्दों पर बातचीत करने के लिए सहमत

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन (MSEWF) का प्रेस नोट

(मराठी से अनुवाद)

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन

प्रेस नोट
नागपुर, 21/12/2023

महाराष्ट्र बिजली क्षेत्र में 43,000 संविदा कर्मियों और पेंशन के मुद्दों पर ऊर्जा मंत्री के स्तर पर बातचीत करने पर सहमति

दिनांक 21.12.2023 को महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष कॉम. मोहन शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली तीन कंपनियों के 43,000 कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्सिंग और सुरक्षा कर्मचारियों के मुद्दों का कोई समाधान नहीं होगा जब तक कि माननीय उप मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के स्तर पर बातचीत नहीं की जाती। उनहोंने नागपुर में माननीय उप मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री श्री देवेन्द्र फडनवीस के साथ उनके देवगिरी कार्यालय में इस पर विस्तृत चर्चा की।

इस चर्चा के दौरान कॉम. शर्मा ने याद दिलाया कि 4 जनवरी 2023 को मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में हुए समझौते में ऊर्जा मंत्री ने फेडरेशन को 43,000 संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। तदनुसार, कॉम. शर्मा ने याद दिलाया कि 23 जुलाई 2023 को वर्कर्स फेडरेशन ने नागपुर में ऊर्जा मंत्री और तीनों कंपनियों के प्रबंधन को एक विस्तृत प्रस्ताव सौंपा था। वार्ता में यह तथ्य सामने आया कि प्रबंधन के साथ बातचीत में ठेका श्रमिकों के मुद्दे पर कोई निर्णय अब तक नहीं निकला है।

43,000 संविदा कर्मचारियों के परिवारों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है और कर्मचारियों का असंतोष और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। फेडरेशन ने मंत्री से इन मुद्दों पर मंत्री स्तर पर चर्चा कर समाधान निकालने का अनुरोध किया। ऊर्जा मंत्री ने सहमति जताते हुए प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया और ऊर्जा मंत्रालय को लिखित निर्देश दिये।

1 लाख बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों और अधिकारियों की पेंशन का सवाल

इस चर्चा में प्रतिनिधिमंडल ने माननीय ऊर्जा मंत्री को 55 पेज की एक पुस्तक भेंट की। पुस्तक में 1 लाख कर्मचारियों की पेंशन मांग के संबंध में विधान सभा और विधान परिषद में माननीय ऊर्जा मंत्री और सुधीर मुनगंटीवार की भूमिका का दस्तावेजीकरण, महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति के निर्णय को स्वीकार करना, पेंशन की मांग और ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रधान सचिव (ऊर्जा) द्वारा बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत हलफनामा शामिल हैं।

तीनों बिजली कंपनियों के कर्मचारी भविष्य निधि (सीपीएफ) में कुल रु. 13,335 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके अलावा, अगर सरकार पेंशन योजना को मंजूरी देती है और ईपीएफ 95 से छूट मिलती है, तो सरकार और प्रबंधन के पास कुल 13,335 करोड़ रुपये का पेंशन फंड कोष उपलब्ध होगा। इसे ध्यान में रखते हुए फेडरेशन ने बहुत ही उचित और न्यायपूर्ण पेंशन की मांग की है। चर्चा में यह जानकारी भी माननीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गयी। इन दोनों मुद्दों पर माननीय ऊर्जा मंत्री ने अपने स्तर पर त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है और प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है।

कॉम शर्मा के साथ, पदाधिकारी श्री पीवी नायडू, अब्दुल सादिक और सुभाष मुले ने वर्कर्स फेडरेशन की ओर से चर्चा में भाग लिया।

कॉम. पीवी नायडू, संयुक्त सचिव
कॉम. सुभाष मुले, जोनल सचिव

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