कामगार एकता कमेटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
पूर्वोत्तर रेलवे जोन ने 13 सितंबर को ट्रैक मेंटेनर श्री राम आसने की सेवाएं समाप्त कर दीं, उन पर यह आरोप लगा कर कि उन्होंने खराबी के बारे में बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक कर दी, जो रेलवे के आचरण नियमों का उल्लंघन है।
ट्रैक मेंटेनर श्री राम आसने ने 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से पहले ट्रैक में खराबी की सूचना दी थी। मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच आठ डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 31 लोग घायल हो गए। पटरी से उतरने के बाद, श्री आसने द्वारा अपने वरिष्ठ को दी गई चेतावनी को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जिससे भारतीय रेलवे के सुरक्षा के प्रति रवैये को लेकर चिंताएँ बढ़ गई।
आल इंडिया रेलवे ट्रैकमेंटेनर्स यूनियन (AIRTU) ने श्री राम आसने की बर्खास्तगी पर रोष व्यक्त करते हुए उनकी बहाली की मांग की है।
नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे मेन्स कांग्रेस यूनियन (NERMC) ने भी श्री आसने की बर्खास्तगी को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है और चेतावनी दी है कि इस तरह के फैसले फ्रंटलाइन मज़दूरों का मनोबल गिराते हैं और सुरक्षित ट्रेन परिचालन को खतरे में डालते हैं।
श्री आसने ने 24 वर्षों तक रेलवे की सेवा की है।