कामगार एकता कमेटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
16 जनवरी, 2025 को नागरिक अधिकार समूह, घर हक्क संघर्ष समिति (GHSS) ने नवी मुंबई में स्मार्ट मीटर लगाने की महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) की योजना का विरोध करने के लिए बेलापुर, नवी मुंबई में एक बैठक की। बैठक में नवी मुंबई के प्रभावित लोगों के आवास के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इसमें दर्जनों लोगों ने भाग लिया, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं, जो पनवेल, घनसोली, तुर्भे, खारघर आदि दूर-दराज के इलाकों से आई थीं। बैठक की अध्यक्षता GHSS के नेता खजामिया पटेल और सुजीत घैसास ने की।
ऑल इंडिया फोरम अगेंस्ट प्राइवेटाइजेशन (AIFAP) के संयोजक डॉ. ए. मैथ्यू और कामगार एकता कमेटी की संयुक्त सचिव कॉम. कुसुम को स्मार्ट मीटर परियोजना के बारे में बताने के लिए आमंत्रित किया गया।
डॉ. मैथ्यू ने बताया कि पूरे भारत में केंद्र सरकार बिजली के निजीकरण की दिशा में पहला कदम उठाते हुए स्मार्ट मीटर लागू करने की कोशिश कर रही है। बिहार, कश्मीर आदि में जहां भी स्मार्ट मीटर लगाए गए, वहां बिजली के बिल बढ़ गए। वहां लोग इन स्मार्ट मीटरों का विरोध कर रहे हैं। अब महाराष्ट्र में चुनाव के बाद पूंजीपति निजीकरण का अपना एजेंडा लागू कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों द्वारा कई विरोध प्रदर्शन किए गए हैं। डॉ. मैथ्यू ने कहा कि नवी मुंबई के नागरिकों को भी स्मार्ट मीटर का विरोध करना चाहिए।
कॉम. कुसुम ने कहा कि बैठक में इतनी सारी महिलाओं को भाग लेते देख कर अच्छा लगा। महिलाओं की आबादी 50% है और अगर वे अपने घरों से बाहर निकलेंगी तो ही समाज में बदलाव आ सकता है।
GHSS, घनसोली के शाखा सचिव श्री नेरुरकर ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने पाया कि MSEDCL वालों ने उनके इलाके से पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर दिया है। जब उन्होंने MSEDCL के दफ्तर जाकर पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि उन्हें उच्च अधिकारियों से आदेश मिले हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी को स्मार्ट मीटर का विरोध करना चाहिए।
आयोजकों ने डॉ. मैथ्यू और कॉमरेड कुसुम को धन्यवाद दिया और संकल्प लिया कि GHSS अन्य नागरिक समूहों के साथ मिलकर नवी मुंबई में स्मार्ट मीटर लगाने का सक्रिय विरोध करेगा।