सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण और सार्वजनिक संपत्ति के मुद्रीकरण के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया
(पत्र का हिंदी अनुवाद)
संदर्भ- एनसीओए/एनजीसी/संकल्प/1
दिनांक-01-10-2021
प्रति
कैबिनेट सचिव
भारत सरकार
नई दिल्ली
विषय: सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण और सार्वजनिक संपत्ति के मुद्रीकरण के खिलाफ संकल्प
एनसीओए जनरल काउंसिल की 12-09-2021 को आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किया गया।
“नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑफिसर्स एसिओसेशन्स (एनसीओए) केंद्र सरकार से केंद्रीय सार्वजानिक क्षेत्र उद्द्यमों (सीपीएसई) के निजीकरण और रणनीतिक बिक्री की अपनी नीति को वापस लेने की मांग करता है जिससे कॉरपोरेट द्वारा उत्पादों के एकाधिकार का कुशलतापूर्वक मुकाबला किया और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके, और यह भी मांग करता है कि अपने देश और आम लोगों के बेहतर भविष्य के लिए सीपीएसई में निवेश कर उनको समर्थन दिया जाये। एनसीओए सरकार को आगाह करता है कि सार्वजनिक संपत्ति के मुद्रीकरण की घोषित नीति विनाशकारी है और यह राष्ट्रीय संपत्ति को केवल कॉर्पोरेट एकाधिकारियों को पेश कर देगी और जनता इस विनाशकारी नीति निर्णय से पीड़ित होगी।”
सस्नेह
सादर
(आलोक के रॉय)(वी के तोमर)
अध्यक्ष महासचिव
प्रतिलिपि: पीएमओ, भारत सरकार, नई दिल्ली