विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र का वक्तव्य
साथियों,
वाराणसी में 29 मार्च को बिजली महापंचायत हो रही है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण से होने वाले नुकसान और दुष्प्रभावों से आम जनता, किसानों, गरीब उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों को अवगत कराने के लिए बिजली महापंचायत का आयोजन किया गया है। इस प्रकार की बिजली महापंचायत प्रदेश में कई स्थान पर लोकतांत्रिक ढंग से शांति पूर्वक हो चुकी है।
बिजली महापंचायत न कोई हड़ताल है न ही कोई आन्दोलन। बिजली महापंचायत के दौरान वाराणसी के उपभोक्ताओं को कोई बिजली का व्यवधान न हो, किसी प्रकार की दिक्कत न हो संघर्ष समिति इसका पूरा ध्यान रख रही है। संघर्ष समिति ने बिजली आपूर्ति से जुड़े हुए अभियंताओं और कर्मचारियों को निर्देश दे रखा है कि वह बिजली महापंचायत के दौरान बिजली की आपूर्ति बनाए रखने में पूरी तरह से तत्पर रहे।
इसके बावजूद पता चला है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ने बिजली महापंचायत को हड़ताल घोषित कर हड़ताल से निपटने जैसी तैयारी शुरू कर दी है और जिला प्रशासन को इस दृष्टि से गुमराह किया जा रहा है।
वाराणसी के जिला प्रशासन को हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि बिजली महापंचायत शांति पूर्वक लोकतांत्रिक ढंग से होगी। किंतु यदि शांतिपूर्ण ढंग से बिजली महापंचायत करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का दमन करने का प्रयास किया गया तो लोकतांत्रिक ढंग से इसका सशक्त प्रतिकार किया जाएगा।
वाराणसी की बिजली महापंचायत में आने वाले सभी बिजली कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं से हमारा अनुरोध है कि वह किसी भी स्थिति में ला एंड आर्डर अपने हाथ में न लें। हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और जो भी कार्य हमें करना है लोकतांत्रिक ढंग से ही करना है। बिजली महापंचायत करने से यदि हमें रोका जाता है तो संघर्ष समिति का केंद्रीय नेतृत्व जो भी निर्देश देगा उसके अनुसार हमें लोकतांत्रिक ढंग से अपना विरोध दर्ज करने के लिए तैयार रहना है।
इंकलाब जिंदाबाद!
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र
29 मार्च – बिजली के निजीकरण के विरोध में वाराणसी में विशाल बिजली महापंचायत
डरो मत – चलो बनारस
चलो बनारस – डरो मत
उसे फिक्र है हरदम नया तर्ज ए जफा क्या है ।
हमें शौक है देखें तो
सितम की इंतिहा क्या है।।
– शहीद ए आजम भगत सिंह
इंकलाब जिंदाबाद!
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र