NCCOEEE ने अपने सभी घटकों से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपी द्वारा तैयार किए गए कार्य कार्यक्रम में भाग लेने को कहा

राष्ट्रीय विद्युत कर्मचारी एवं अभियंता समन्वय समिति (NCCOEEE) द्वारा परिपत्र

(अंग्रेजी परिपत्र का अनुवाद)

दिनांक: 11 अप्रैल 2025

परिपत्र

विद्युत कर्मचारियों एवं इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) के उत्तरी क्षेत्रीय घटकों की बैठक 8 अप्रैल 2025 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुई।

बैठक में उत्तर प्रदेश बिजली विभाग के निजीकरण के प्रयासों पर गंभीरता से विचार किया गया। बिजली कर्मचारी पिछले 130 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं। सभी हमलों को सामना करते हुए कर्मचारी, इंजीनियर और संविदा कर्मचारी अपनी सार्वजनिक बिजली उपयोगिता की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ रहे हैं।

बैठक में निजीकरण की इस पहल के खिलाफ कड़ा संकल्प लिया गया तथा उत्तर प्रदेश सरकार से इस प्रक्रिया को तत्काल वापस लेने का आग्रह किया गया। देशभर में NCCOEEE के घटक यूपी के संघर्षरत कर्मचारियों और इंजीनियरों के समर्थन में मजबूती से खड़े रहेंगे। यूपी के बिजली कर्मचारियों पर किसी भी प्रतिशोधात्मक हमले का देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारियों द्वारा कड़ा जवाब दिया जाएगा।

NCCOEEE ने संघर्षरत कर्मचारियों द्वारा संयुक्त रूप से अपनाए गए कार्य कार्यक्रम का समर्थन किया तथा अपने सभी घटकों से इसमें भाग लेने का अनुरोध किया।

निर्णय हैं:

कर्मचारियों के गंभीर प्रतिरोध और शिकायतों के बावजूद, यदि उत्तर प्रदेश सरकार PVVNL और DVVNL के निजीकरण के लिए एकतरफा निविदा प्रक्रिया शुरू करती है, तो कर्मचारी और इंजीनियर तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे।

NCCOEEE ने आगे निर्णय लिया है:

1. लखनऊ में 2-9 मई 2025 तक होने वाली क्रमिक भूख हड़ताल में भाग लेने के लिए उत्तरी क्षेत्र के सभी राज्यों से प्रतिनिधि भेजें।

2. सभी एनसीसीओईईई घटक 5 मई 2025 तक 20 मई की हड़ताल की सूचना प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।

3. उत्तर प्रदेश को छोड़कर उत्तरी क्षेत्र के एनसीसीओईईई घटक संघर्षरत उत्तर प्रदेश कर्मचारियों के समर्थन में 14 मई 2025 को दोपहर के भोजन के समय पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।

NCCOEEE उत्तर प्रदेश सरकार से फिर से आग्रह करता है कि निजीकरण की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए और संघर्षरत कर्मचारियों के साथ चर्चा शुरू की जाए। किसी भी तरह की और देरी हमारे देश के पूरे बिजली क्षेत्र में दीर्घकालिक असर पैदा कर सकती है।

प्रशांत एन चौधरी

संयोजक
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