नागपुर में 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करने की मांग, महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक का विरोध करने तथा 20 मई को अखिल भारतीय हड़ताल के लिए लामबंद होने के लिए विशाल श्रमिक सम्मेलन आयोजित किया गया।

कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति, नागपुर की रिपोर्ट पर आधारित कामगार एकता कमेटी संवाददाता की रिपोर्ट

20 अप्रैल को नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली तथा वर्धा जिलों के श्रमिकों का विशाल सम्मेलन, श्रमिक संघ संयुक्त कार्य समिति, नागपुर द्वारा कॉमरेड ए.बी. बर्धन ऑडिटोरियम, परवाना भवन, नागपुर में दोपहर 12.00 बजे से 4.00 बजे तक आयोजित किया गया। यह सम्मेलन 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करने तथा महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक का विरोध करने के लिए आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन में पूर्वी विदर्भ के छह जिलों से सैकड़ों कर्मचारी संगठनों के नेता तथा सदस्य शामिल हुए। सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कॉमरेड मोहन शर्मा, अशोक दगड़े, शाम काले, मोहम्मद ताजुद्दीन, सुभाष इंगले, माधव बोंडे और मारुति वानखेड़े को चुना गया।

पूर्व विदर्भ के छह जिलों के सम्मेलन के आयोजन की पृष्ठभूमि बताते हुए श्री अशोक दगड़े ने केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा श्रमिकों को दबाने वाले 4 नए श्रम संहिताओं को बनाने और लागू करने के प्रयासों के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की।

सम्मेलन में श्री कैलास कदम (INTAC), कॉमरेड श्याम काले (IACT), कॉमरेड कृष्णा भोयर (बिजली कामगार नेते), डॉ. अशोक गावणकर, डॉ. विवेक मोंटेरो (CITU), विजय कोम्बे, उमेश चंद्र चिलबुले, प्रकाश पाटिल, सुधाकर अड़बाले, कामरेड शाहिद अहमद आदि उपस्थित थे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रमिक नेताओं ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति और पूंजीवादी संरक्षण नीति की कड़ी आलोचना की। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ देश के दस प्रमुख मजदूर संगठनों ने 18 मार्च को दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया है। सभी मजदूर संगठनों का राज्यव्यापी सम्मेलन 28 मार्च को मुंबई में संपन्न हुआ। इसके तहत 20 अप्रैल को नागपुर में एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सभी ट्रेड यूनियनों को अपने मतभेदों को दूर करके केंद्र और राज्य सरकारों की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक साथ लड़ना चाहिए। सभी मजदूर नेताओं ने अपना संकल्प व्यक्त किया कि 20 मई को केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ होने वाली हड़ताल अभूतपूर्व होनी चाहिए।

सरकार ने 1 मई 2025 से 4 श्रम संहिताओं को लागू करने की तैयारी कर ली है। महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा के नाम पर, ‘व्यक्तियों और संगठनों के कुछ अवैध कृत्यों की रोकथाम’ के नाम पर एक नया कानून प्रस्तावित किया है। इस प्रकार, केंद्र की एनडीए सरकार और राज्य की भाजपा सरकार देश में मजदूरों, कर्मचारियों और शिक्षक संगठनों पर प्रतिबंध लगा रही है। राज्य अपनी मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध लगाकर भारतीय संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की साजिश कर रहा है।

सरकार ने पहले ही भर्ती रोक दी है। स्थायी पदों को रिक्त रखकर उन स्थानों पर ठेका मजदूरों की भर्ती कर उनका आर्थिक व सामाजिक शोषण शुरू कर दिया गया है। अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने तथा मजदूरों का पूर्ण शोषण करने के लिए सभी सार्वजनिक उद्योगों जैसे रेलवे, रक्षा, बिजली, कोयला, बीमा व सरकारी कार्यालयों का निजीकरण करने की नीति अपनाई गई है।

बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि 20 मई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में प्रदेश के लाखों मजदूर भाग लें। बैठक का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस बैठक में करीब 50 ट्रेड यूनियनों ने भाग लिया।

सम्मेलन में निम्नलिखित संगठनों ने भाग लिया:

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियंस (CITU), भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), TUCC, AIUTUO, AITUO, H. M. S., SEVA, AICCTU, LPF, UTUC, राज्य सरकार कर्मचारी केंद्रीय संगठन महाराष्ट्र, सरकारी कर्मचारी और श्रमिक परिसंघ विदर्भ क्षेत्र, एम.आर. जिला परिषद कर्मचारी महासंघ, एम.आर. कास्त्रीब कर्मचारी कल्याण महासंघ, विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ, एम.आर. प्राथमिक शिक्षक समिति, सरकारी अर्ध-सरकारी शिक्षक गैर-शिक्षण कर्मचारी समन्वय समिति नागपुर, एम.आर. आंगनवाड़ी बालवाड़ी कर्मचारी संघ, महाराष्ट्र राज्य बिजली कामगार महासंघ, एम.आर. स्वास्थ्य विभाग समूह प्रवर्तक संघ, यूनाइटेड माइन वर्कर्स यूनियन, पूर्वी महाराष्ट्र बैंक कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय सामान्य बीमा कर्मचारी संघ, एम.आर. स्कूल पोषण कर्मचारी संघ, आईसीडीएस पर्यवेक्षक संघ, एम.आर. जीवनोन्नति कर्मकार संघ, सामान्य उद्योग कर्मकार संघ, एयर लाइंस कर्मकार संघ, नागपुर जिला फार्म मजूर संघ, लाल बावटा परिवहन कर्मकार संघ, नागपुर जनरल मजदूर संघ, नागपुर मंडल बीमा कर्मचारी संघ, आंगनवाड़ी कर्मकार संघ, स्कूल पोषण आहार संघ, लाल झेंडा कोयला खदान मजदूर संघ, बैंक कर्मचारी महासंघ, बीएसएनएल कर्मचारी संघ, केंद्रीय कपास अनुसंधान कर्मकार संघ, आशा एवं गट प्रवर्तक संघ, नागपुर केंद्रीय एवं राज्य सरकार पेंशनभोगी संघ, राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ, नागपुर जिला INTUC, राष्ट्रीय नागपुर निगम कर्मचारी संघ, रक्षा कर्मकार संघ (INTUC) अंबाझरी, सेवानिवृत्त कर्मचारी (ईपीएस-1995) पेंशनभोगी समन्वय समिति, राष्ट्रीय कोयला खदान मजदूर संघ, एम.आर. कृतिशील सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारी संघ नागपुर, CRMS नागपुर मंडल, नागपुर, विसजुक्ता।

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