कामगार एकता कमेटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट
देश के 16 किसान संगठनों ने पूर्वांचल व दक्षिणआंचल विददयुत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। ये सभी संगठन आंदोलन के समर्थन में 4 जून को प्रदेश के हर जिले में निजीकरण के खिलाफ़ प्रदर्शन करेंगे।
विरोध प्रदर्शन को आयोजित करने के लिए हुई 1 जून की बैठक में क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान संग्राम समिति, किसान मजदूर परिषद, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, किसान एकता केंद्र, किसान विकास मंच, क्रांतिकारी किसान मंच, भारतीय किसान संगठन, भारतीय किसान यूनियन, श्रमिक जनशक्ति यूनियन, सोशलिस्ट किसान सभा, कृषि भूमि बचाओ मोर्चा, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति व इंकलाबी मजदूर केंद्र के लगभग 30 किसान नेताओं ने भाग लिया।
किसान संगठनों की मुख्य ममंगों में शामिल हैं:
1. निजीकरण के फैसले को वापिस लो;
2. बिजली दरों में इजाफ़े के प्रस्ताव को ववापिस लो;
3. स्मार्ट परी-पेड़ मीटर योजना को रद्द करो;
4. किसानों को 300 यूनिट/माह मुफ़्त बिजली प्रदान करो।
किसान संगठनों ने कहा है कि यदि निजीकरण का विरोध कर रहे किसी भी बिजली कर्मचारी पर दमनात्मक कार्रवाही हुई तो किसान संगठन उसका व्यापक विरोध करेंगे।