उत्तर प्रदेश में संघर्षरत एक बिजली कर्मचारी की रिपोर्ट
तस्वीरों की ज़ुबान सबसे बुलंद होती है…
ये मासूम चेहरे सिर्फ़ विरोध नहीं कर रहे बल्कि भविष्य की पुकार हैं।
बिजली विभाग के निजीकरण का यह फ़ैसला हज़ारों बिजली कर्मचारियों के परिवारों की रोटी, बच्चों के सपनों, और देश की ऊर्जा सुरक्षा पर सीधा हमला है।
ये आंदोलन सिर्फ़ कर्मचारियों का नहीं बल्कि हर उस भारतीय का है जो चाहता है कि देश की बुनियादी सेवाएं मुनाफ़े की मंडी नहीं बनें।
इन बच्चियों की तख्तियां चीख़ चीख़कर कह रही हैं निजीकरण बंद करो… हमारे भविष्य से ना खेलो।