केईसी संवाददाता की रिपोर्ट
ए.आई.एफ.ए.पी ने रिपोर्ट किया था कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ लोगों के बीच हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। अब अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों (एआईबीईए) ने भी महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में अभियान चलाया है। रत्नागिरी में बैंक ऑफ महाराष्ट्र परिसर में और चिपलुन में बैंक ऑफ इंडिया के परिसर में एक पंडाल लगाकर अभियान शुरू किया गया। एआईबीईए के सदस्यों ने धैर्यपूर्वक नागरिकों को बैंक के निजीकरण के दुष्परिणामों के बारे में बताया। एक ही दिन में 1000 से अधिक लोगों ने भारत के प्रधान मंत्री को प्रस्तुत की जाने वाली याचिका पर हस्ताक्षर किए।
बैंकिंग, रेलवे, बिजली, बीमा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के श्रमिकों का उपभोक्ताओं के साथ बहुत करीबी और लंबा रिश्ता रह्ता है। इसलिए यदि वे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के निजीकरण का विरोध करने के लिए उपभोक्ता समर्थन जुटाने का बीड़ा उठाएंगे, तो उपभोक्ता निश्चित रूप से सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।
पूरे देश में एक व्यापक हस्ताक्षर अभियान आयोजित करने की तत्काल आवश्यकता है। यदि सार्वजनिक क्षेत्र का प्रत्येक कर्मचारी सिर्फ 10 उपभोक्ताओं का समर्थन पाने के लिए काम करता है, तो कुछ ही हफ्तों में करोड़ों उपभोक्ता हमारे साथ होंगे!