AISMA के तिरुचिरापल्ली डिवीजन से रिपोर्ट
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन (AISMA) के सदस्यों ने 22 अक्टूबर 2021 को DRM कार्यालय, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु के सामने धरना दिया। वेल्लोर, तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरम, नागपट्टिनम, विरुधाचलम, तिरुचिरापल्ली, तिरुवरुर और अन्य स्थानों से तिरुचिरापल्ली रेलवे डिवीजन के लगभग 80 स्टेशन मास्टर्स ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इससे पहले भी स्टेशन मास्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई थी।
मुख्य मांग रिक्तियों को भरने की थी जो खतरनाक स्तर पर पहुंच गई हैं। AISMA के नेता ने कहा की “हमारे पास 538 स्वीकृत पदों में से 93 रिक्तियां हैं। यानि, लगभग 20% पद रिक्त हैं।” रेलवे में सुरक्षित ट्रेन चलाने के लिए स्टेशन मास्टर एक बड़ी कड़ी है। इतनी अधिक रिक्तियां होने से यात्रियों की सुरक्षा को खतरा है।
एक अन्य शिकायत वास्तविक कारण के लिए भी छुट्टी से इंकार करने के बारे में थी। यह अब प्रथा बन गयी है कि केवल एक व्यक्ति को 6 महीने में एक बार 10 दिन या उससे अधिक की छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी। यह निकट भविष्य में वर्ष में एक बार किया जा सकता है।
अधिकारियों ने 10 दिनों के आकस्मिक अवकाश (सीएल) का लाभ उठाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन छुट्टी नियमों में कहीं भी इसका उल्लेख नहीं है। एक कर्मचारी एक कैलेंडर वर्ष में 10 दिनों के सीएल का पात्र है।
छुट्टी पर अनुपस्थित/अधिक रुकने के लिए कैडर को भारी सजा का सामना करना पड़ रहा है। जब बहन या भाई की शादी, माता-पिता की स्वास्थ्य देखभाल आदि जैसे कारणों से छुट्टी को अस्वीकार कर दिया जाता है और मना कर दिया जाता है, तो कर्मचारियों के पास अनुपस्थित रहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता है। लेकिन, इसके लिए वर्षों तक एक साथ वेतन में कटौती आदि जैसी कठोर सजा देने के बारे में पहले कभी नहीं सुना गया था।
वक्ताओं ने जोनल एसएमआर को अवकाश स्वीकृत करने की शक्ति बहाल करने की मांग की। वर्तमान में जोनल एसएमआर द्वारा 3 दिनों से अधिक की छुट्टी स्वीकृत नहीं की जा सकती है। उन्होंने बताया कि हमारे कैडर के अधिकार के लिए प्रभारी एसएस को सत्ता सौंपने की कड़ी लड़ाई लड़ी गई है। लेकिन अब इसे वापस क्यों लिया गया है?
बैठक को कई AISMA नेताओं ने संबोधित किया। इनमें कॉम. जॉन रॉबर्ट वुड्रिज एसएस/टीजे, कॉम. के. मारीमुथु एसएस/जीओसी, कॉम. पी. बालसुब्रमण्यम एसएस/एसआरजीएम, कॉम. मोहनदुरै एसएस/वीएम, आदि शामिल थे। कॉम. जॉन रॉबर्ट वुड्रिज ने साथियों को याद दिलाया कि खरगोशों का शिकार किया जाता है, गर्जने वाले शेरों को ही उनका हिस्सा मिलेगा। उन्होंने उनसे लड़ने और AISMA के गौरव और विशेषाधिकारों को वापस पाने के लिए कहा। डीएसएफ/टीपीजे ने उन सभी का धन्यवाद किया जिन्होंने बिना आराम किए भाग लिया और हमारी एकता और ताकत दिखाई।
धरना समाप्त होने के बाद पूर्व केंद्रीय सचिव वित्त कॉम. के. मारीमुथु, मंडल अध्यक्ष त्रिकोट्टी और संभाग सचिव कॉम। सुगंध प्रदीप ने सीनियर डोम श्री हरिकुमार और डीआरएम श्री मनीष अग्रवाल को 2 पन्नों का ज्ञापन सौंपा।
Leave is our first rights and avail any how any condition