प्रयागराज (इलाहाबाद) में उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ का 49वां द्विवार्षिक महासम्मलेन

कॉम. कृष्णा भोयर, राष्ट्रीय सचिव, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉईज से प्राप्त रिपोर्ट
बिजली उद्योग निजी हाथों में जाने से रोकने के लिए देश के सभी बिजली मजदूर और अभियंता की एकजुटता जरूरी है – कॉम. मोहन शर्मा, महासचिव, ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी ऑफ एम्पलॉइज फेडरेशन.

दि.11, 12 और 13 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ (संलग्न ऑल इंडिया ट्रेड युनियन काँग्रेस और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉईज ) का 49वां वार्षिक महासम्मलेन राजश्री मंडपम हॉल (हिंदी साहित्य सम्मलेन) प्रयागराज (इलाहाबाद) मे दोपहर एक बजे कॉम. मोहन शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉईज के हाथों कॉम. हरीश तिवारी, भूतपूर्व महासचिव एवं भूतपूर्व अध्यक्ष कॉम. वासुदेव पांडे के प्रतिमा को माल्यार्पण कर उदघाटन कर शुरू हुआ|

स्वागत समिती के अध्यक्ष, श्री प्रकाश चन्द्र यादव ने प्रयागराज की क्रांतिकारी धरतीपर स्वागत किया और कहा कि हमें खुशी है कि उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ को तीसरी बार राज्य सम्मलेन को कराने का अवसर प्राप्त हुआ| इसके पहिले हम दो सम्मलेन कर चुके हैं| प्रयागराज ख्याति प्राप्त गंगा, यमुना का संगम है| कहा जाता है कि गुप्त रूप से यहाँ सरस्वती नदी भी मिलती है| इसलिये इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है| इस स्थल पर प्रत्येक बारह वर्ष पर कुंभ मेला लगता है| छह वर्ष पर अर्ध कुंभ मेला लगता है| कहा जाता है कि इस जिले का नाम अकबर के दीन-ए-इलाही के नाम से ईलाबाद पड़ा था| एक अन्य मत के अनुसार एक समय में मनु तथा उसकी पत्नी श्रद्धा ने संतान की सुख कि लालसा से मित्रा वरून नामक यज्ञ कराया था | देवी श्रद्धा ने कहा कि मेरी इच्छा है कि मुझे कन्या हो परंतु मनु पुत्र चाहते थे| उन्हें पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई, जिसका नाम ईला रखा गया, कहा जाता है| इसी ईला के नाम पर इसे ईलावत कहा जाता है| बाद में ईलाबाद कहा जाने लगा| यहा पर संगम, इलाहाबाद किला, स्वराज भवन, आनंद भवन, हनुमान मंदिर, शंकर विमान मंडपम, हनुमंत निकेतन, सरस्वती कूप समुद्र कुप, मनकामेश्वर मंदिर, शिव कुटी, भारद्वाज आश्रम के अतिरिक्त मेमो मेमोरियल हॉल,पत्थर गिर्जाघर, त्रिवेणी पोस्ट, सोमेश्वर नाथ मंदिर, सच्चा बाबा आश्रम और नरसिंह मंदिर आदि हैं| भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ईलाबाद की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है| राष्ट्रीय नव जागरण का उदय इलाहाबाद की भूमि पर ही हुआ| गांधी युग में नगर प्रेरणा का केंद्र बना| भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस संघटन का इस नगर का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है| इस नगर की बहुत सारी उपलब्धियां हैं| समय के रहते है उन्हें सामने रखना मुमकिन नही है| इसलिये सम्मलेन में आप सभी साथियों का अभिनंदन करता हूँ|

सम्मलेन के मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप मे इं. विनोद कुमार, मुख्य अभियंता (वितरण) प्रयागराज क्षेत्र, मुख्यवक्ता के रूप में सदरुद्ददीन राणा, अध्यक्ष, उत्तरप्रदेश बिजली कर्मचारी संघ और राष्ट्रीय सचिव अखिल भारतीय ट्रेड युनियन काँग्रेस, विशिष्ट वक्ता के रूप में कार्यवाहक अध्यक्ष कॉम. जवाहरलाल विश्वकर्मा, उत्तरप्रदेश बिजली कर्मचारी संघ और राष्ट्रीय सचिव अखिल भारतीय विद्युत कर्मचारी महासंघ,वक्ता के रूप कॉम. चंद्रशेखर, महामंत्री उत्तरप्रदेश ट्रेड युनियन काँग्रेस और कॉम. कृष्णा भोयर, राष्ट्रीय सचिव अखिल भारतीय विद्युत कर्मचारी महासंघ एवं महासचिव, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन और प्रदेश के सैंकड़ों कर्मचारी, अभियंता उपस्थित थे|

ऑल इंडिया ट्रेड युनियन काँग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉईज के राष्ट्रीय महासचिव कॉम. मोहन शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि कॉम. हरीश तिवारी जी ने 1961 में कॉम. बर्धन के साथ मिलकर महाराष्ट्र के खापरखेडा के बिजली पॉवर स्टेशन में राष्ट्रीय स्तर पर बिजली कर्मचारियों का संघटन बनाया, मैं उस का साक्षी हूँ| उस समय का बनाया हुआ ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉईज देश के 10 लाख से उपर बिजली कर्मचारी, अभियंता और संविधा वर्कर्स का नेतृत्व करता है| मैं उत्तर प्रदेश के लड़ाकू अभियंता और कर्मचारियों का अभिनंदन करता हूँ, क्योंकि उन्हों ने प्रदेश में होनेवाले निजीकरण के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष कर उसे रोक दिया| उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की जो हड़ताल हुई उस ने नया कीर्तिमान स्थापित किया| देश का सही मायने से विकास सार्वजनिक क्षेत्र के बिजली उद्योग ने किया है| आजादी के पहले हमारे देश में 1362 मेगावाट बिजली का निर्माण किया जाता था जब कि आज देश में 3,77,268 मेगावॅट बिजली का उत्पादन होता है| 1990 के बाद निजी कंपनियाँ बिजली के निर्माण में आई जिसका हम लोगो ने काफी विरोध किया| हम निजीकरण का विरोध काफी समय से कर रहे हैं| केंद्र सरकार देश के बिजली उद्योग को निजी हाथों में देना चाहती है| नया संशोधित विधेयक आने से पहले चंडीगड़, दादरा,नागर हवेली में शुरुवात की गई है| संघर्ष करने के बाद भी केंद्र सरकार स्टेक होल्डर का विरोध होने के बावजूद भी सरकार नया कानून पास करने की कोशिश कर रही है| देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उसक जबरदस्त विरोध किया है| देश के मौजूदा 500 के ऊपर किसान संघटनों ने तीन कृषि कानूनों के साथ साथ नये संशोधित बिजली कानून का जबरदस्त विरोध किया है| मजदूरों और किसानों को इकठ्ठा होके एक साथ लड़ना होगा, यही समय की मांग है|

सभा के अध्यक्ष कॉम. सददुद्दीन राणा ने संबोधित करते हुए कहा कि देश की मौजूदा सरकार देश के सभी सरकारी संस्थाओं और संसाधनों को बेचने का काम कर रही है| उसे रोकने के लिए हम सबको एक होकर लड़ना होगा| साथ में प्रदेश में निजीकरण के खिलाफ हम सब ने इकठ्ठा हो कर जो लड़ाई लड़ी, उसकी देश के बिजली मजदूर आंदोलन के लिए एक मिसाल के तौर पर आज भी चर्चा कि जाती है| आने वाले समय में भी हम सब मिलकर निजीकरण के खिलाफ आंदोलन करेंगे| साथ में हमारे संघटन को प्रदेश में मजबूत करने के लिए भी हम काम करेंगे| हमारे तीन दिन के सम्मलेन में कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के बाद फैसले करेगें| हमें पूरा विश्वास है कि आप पूरी तरह भागीदारी करके सम्मलेन को कामयाब बनायेंगे | इंकलाब जिंदाबाद, मजदूर एकता जिंदाबाद|

सम्मेलन को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महामंत्री कॉम. कृष्णा भोयर ने कहा कि प्रदेश में हो रहा अधिवेशन ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा देश निजीकरण की तरफ ढकेला जा रहा है| आप लोग बहुत लड़ाकू साथी हैं| हम भी महाराष्ट्र मे निजीकरण के खिलाफ काफी समय से लढ रहे हैं| बिजली उद्योग का निजीकरण देश के संविधान के उपर बढा हमला है| हम सब साथिओं को साथ में मिल कर लडकर इसको रोकना होगा| सम्मेलन के सफलता के लिए महाराष्ट्र के तमाम बिजली कर्मचारी, अभियंता एवं संविधा कर्मचारियों की तरफ से बधाई और शुभेच्छा|

उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ महासम्मेलन को प्रदेश के कई संघटन के बिजली कर्मचारी नेताओं और अन्य विभाग के मजदूर नेताओं ने संबोधित किया|

सम्मलेन का संचालन उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के मुख्यमहामंत्री कॉम. महेंद्र राय ने किया| सम्मलेन के प्रथम सत्र को कामयाब बनाने के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष जवाहरलाल विश्वकर्मा, केशर सिंह रावत, कनई राम, अशर्फी लाल, बी.के.अवस्थी, अजय कुमार सिंह, रामलाल पाल, पवन कुमार भारद्वाज, मो.युनुस, रामकृपाल यादव, दुर्गपाल सिंह, रामेश्वर प्रसाद, चंद्रमोहन, प्रकाश चन्द्र यादव, रमेश त्रिपाठी, ललन राम, चंद्रभान राय, हेमंत नंदन ओझा, सिताराम यादव और स्वागत समिती के सभी साथियों ने किया|

 

 

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Vivechan
Vivechan
2 years ago

सरमायदार वर्ग यह कतई नही चाहता कि मजदूरों और किसानों को सस्ते दाम पर बिजली प्राप्त हो उसका मकसद साफ है निजीकरण कर उसे मुनाफे का स्रोत बनाना। निजीकरण होने का मतलब एक तरफ किसानों की होनेवाली लागत में इजाफा तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसे देकर बिजली लेनी होगी। सामान्य जनता के ऊपर बोझ कई गुना बढ़ जायेगा ।

यह जरूरत है कि बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की एकता बनाकर निजीकरण को रोका जाए और बुनियादी सुविधाएं जो की देश के नागरिक का हक है उसे मुनाफे का स्रोत न बनाने के लिए एकता बनाकर उसके खिलाफ देश भर आंदोलन किया जाय।

बुनियादी सुविधाएं सभी सरकारें खत्म करना चाहती हैं । अनुभव साफ है कि 75 साल से सभी सरकारें सिर्फ बड़े संपत्तिवान घरानों की मैनेजर बनकर देश की संपति को लूटकर चंद घरानों को और अमीर बनाकर आर्थिक विषमता को कई गुना बढ़ा दिया है ।