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- »सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फ़ोरम (AIFAP) द्वारा 2 फरवरी 2025 को आयोजित “स्मार्ट मीटर सहित बिजली के निजीकरण के खिलाफ़ लड़ रहे श्रमिकों और उपभोक्ताओं के संघर्ष का समर्थन करें” विषय पर ज़ूम मीटिंग में श्रमिक मुक्ति दल, महाराष्ट्र, के कार्यकारी अध्यक्ष श्री संपत देसाई का भाषण
- »सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फ़ोरम (AIFAP) द्वारा 2 फरवरी 2025 को आयोजित “स्मार्ट मीटर सहित बिजली के निजीकरण के खिलाफ़ लड़ रहे श्रमिकों और उपभोक्ताओं के संघर्ष का समर्थन करें” विषय पर ज़ूम मीटिंग में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉइज (AIFEE) के महासचिव श्री मोहन शर्मा का भाषण
- »सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फ़ोरम (AIFAP) द्वारा 2 फरवरी 2025 को आयोजित “स्मार्ट मीटर सहित बिजली के निजीकरण के खिलाफ़ लड़ रहे श्रमिकों और उपभोक्ताओं के संघर्ष का समर्थन करें” विषय पर ज़ूम मीटिंग में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश, के संयोजक श्री शैलेन्द्र दुबे का भाषण
- »सर्व हिंद निजीकरण विरोधी फ़ोरम (AIFAP) द्वारा 2 फरवरी 2025 को आयोजित “स्मार्ट मीटर सहित बिजली के निजीकरण के खिलाफ़ लड़ रहे श्रमिकों और उपभोक्ताओं के संघर्ष का समर्थन करें” विषय पर ज़ूम मीटिंग में AIFAP के संयोजक और कामगार एकता कमिटी (KEC) के सचिव कॉमरेड ए. मैथ्यू का भाषण
- »SKM ने बिजली के निजीकरण और चंडीगढ़ में विरोध कर रहे बिजली कर्मचारियों पर ESMA लगाने की कड़ी निंदा की और सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण के खिलाफ पूरे भारत में जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।
आज देश भर के किसानों के संघर्ष का नतीजा अंत में देखा जा सकता है। उनके संयुक्त प्रयासों ने ही वर्तमान सरकार को अपनी नीति में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया है। मैं सभी किसानों को इसके लिए बधाई देती हूं और इस संघर्ष में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।
किसानो की और भी कई न्यायोचित मांगें हैं जिन्हें सरकार द्वारा पूरा किया जाना बाकी है। हमारे पिछले अनुभवों ने हमें एक सबक सिखाया है कि सरकार कई बार केवल प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मांगों को पूरा करने के लिए सहमत होती है और एक बार जब उनके अनुसार स्थिति नियंतरण में आ जाती
है तो वे अपनी प्रारंभिक योजनाओं के साथ आगे बढ़ते हैं।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मौजूदा व्यवस्था में सरकार पूंजीपति वर्ग के एजेंडे को किसी भी तरह से पूरा करेगी। इस व्यवस्था को बदलना और मेहनतकश बहुसंख्यकों का शासन लाना ही एकमात्र समाधान है और हम सभी को एकजुट होकर इस साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने की जरूरत है।