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- »महाराष्ट्र कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षक यूनियनों ने रिक्त पदों को भरने के लिए किया राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान
- »IDBI यूनियनों के यूनाइटेड फोरम ने केंद्र सरकार से IDBI का निजीकरण रोकने का निवेदन किया
- »महाराष्ट्र स्टेट बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन (MSBEF) और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) ने “1 जुलाई, 2024 को लागू हुए कठोर आपराधिक कानून और सामान्य रूप से जन आंदोलन और विशेष रूप से श्रमिक वर्ग आंदोलन पर इसके प्रभाव” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया।
- »कामगार एकता कमिटी सहित ग्यारह रेलवे कर्मचारी संगठनों और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारतीय रेलवे में बड़ी संख्या में रोकी जा सकने वाली दुर्घटनाओं के लिए मंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों की जवाबदेही की मांग करी
- »बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने सभी निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की मांग की।
आज देश भर के किसानों के संघर्ष का नतीजा अंत में देखा जा सकता है। उनके संयुक्त प्रयासों ने ही वर्तमान सरकार को अपनी नीति में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया है। मैं सभी किसानों को इसके लिए बधाई देती हूं और इस संघर्ष में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।
किसानो की और भी कई न्यायोचित मांगें हैं जिन्हें सरकार द्वारा पूरा किया जाना बाकी है। हमारे पिछले अनुभवों ने हमें एक सबक सिखाया है कि सरकार कई बार केवल प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मांगों को पूरा करने के लिए सहमत होती है और एक बार जब उनके अनुसार स्थिति नियंतरण में आ जाती
है तो वे अपनी प्रारंभिक योजनाओं के साथ आगे बढ़ते हैं।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मौजूदा व्यवस्था में सरकार पूंजीपति वर्ग के एजेंडे को किसी भी तरह से पूरा करेगी। इस व्यवस्था को बदलना और मेहनतकश बहुसंख्यकों का शासन लाना ही एकमात्र समाधान है और हम सभी को एकजुट होकर इस साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने की जरूरत है।