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आज देश भर के किसानों के संघर्ष का नतीजा अंत में देखा जा सकता है। उनके संयुक्त प्रयासों ने ही वर्तमान सरकार को अपनी नीति में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित किया है। मैं सभी किसानों को इसके लिए बधाई देती हूं और इस संघर्ष में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।
किसानो की और भी कई न्यायोचित मांगें हैं जिन्हें सरकार द्वारा पूरा किया जाना बाकी है। हमारे पिछले अनुभवों ने हमें एक सबक सिखाया है कि सरकार कई बार केवल प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मांगों को पूरा करने के लिए सहमत होती है और एक बार जब उनके अनुसार स्थिति नियंतरण में आ जाती
है तो वे अपनी प्रारंभिक योजनाओं के साथ आगे बढ़ते हैं।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मौजूदा व्यवस्था में सरकार पूंजीपति वर्ग के एजेंडे को किसी भी तरह से पूरा करेगी। इस व्यवस्था को बदलना और मेहनतकश बहुसंख्यकों का शासन लाना ही एकमात्र समाधान है और हम सभी को एकजुट होकर इस साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने की जरूरत है।