मज़दूर एकता कमेटी के संवाददाता की रिपोर्ट
21 जून, 2025 को दिल्ली की ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 9 जुलाई की सर्व हिन्द हड़ताल को क़ामयाब करने लिए अधिवेशन किया। इसमें मज़दूर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश से भाग लिया।
अधिवेशन के आयोजक संगठनों में शामिल थे – मज़दूर एकता कमेटी, एटक, सीटू, एचएमएस, एआईसीसीटीयू,, सेवा, एआईयूटीयूसी, यूटीयूसी, टीयूसीसी और आईसीटीयू। इन सभी संगठनों के वक्ताओं ने अधिवेशन को संबोधित किया।
वक्ताओं ने ज़ोर दिया कि देशव्यापी हड़ताल के ज़रिये हम केंद्र सरकार से मांग रहे हैं कि वे चार मज़दूर विरोधी श्रम संहिताओं को तुरंत वापस ले। उन्होंने बताया कि अपने मालिकों के अमानवीय व्यवहार का सामना करते हुए, सभी क्षेत्रों के मज़दूर संगठित होने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने व यूनियन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। संगठित सामूहिक कार्यवाही ही मालिकों के खि़लाफ़ हमारे दैनिक संघर्ष में मुख्य हथियार है। श्रम संहिताओं का उद्देश्य हमें इस हथियार से वंचित करना है। इन्हें इस प्रकार बनाया गया है कि नई यूनियनों का पंजीकरण करना अत्यंत कठिन हो जाएगा तथा हड़ताल पर जाना और भी कठिन हो जाएगा।
वक्ताओं ने बताया की कई राज्य सरकारें राज्य के श्रम क़ानूनों को इसी मज़दूर-विरोधी दिशा में बदल रही हैं।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में दिल्ली और केद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे मज़दूरों के आवासों को तोड़ने के अभियान की कड़ी निंदा की। वक्ताओं ने मांग की कि बिना पुनर्वास के किसी भी मज़दूर मेहनतकश का घर नहीं गिराया जाए।
9 जुलाई की सर्व हिन्द हड़ताल को क़ामयाब करना मज़दूरों को अपनी ताक़त दिखाने का अवसर है। हमें इस हड़ताल को पूरे जोश के साथ क़ामयाब करना चाहिये।
इंक़लाब ज़िन्दाबाद! और 9 जुलाई की हड़ताल को सफल करो! – के नारे के साथ सभा का समापन हुआ।