केईसी संवाददाता की रिपोर्ट
चालू शीतकालीन सत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के सरकार के प्रस्तावित विधेयक का विरोध करने के लिए बैंक यूनियनें 16-17 दिसंबर को दो दिवसीय हड़ताल पर जा रही हैं।
अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त जोशी द्वारा 8 दिसंबर 2021 को बुलाई गई सुलह बैठक अब 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सरकार की ओर से इस बात का कोई आश्वासन नहीं मिलने पर कि इस सत्र में निजीकरण विधेयक को नहीं लिया जाएगा, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने घोषित बैंक हड़ताल को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। ऑल इंडिया बैंक एम्पलोयीज एसोसिएशन(एआईबीईए) के महासचिव कॉमरेड सीएच वेंकटचलम ने यह घोषणा की।
उन्होंने बताया कि अगर सरकार यह आश्वासन देती है कि इस सत्र में विधेयक पेश नहीं किया जाएगा तो यूनियनों ने हड़ताल के आह्वान पर पुनर्विचार करने की पेशकश की थी। परन्तु, सुलह बैठक में ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया गया इसलिए यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। एआईबीईए के प्रतिनिधियों के अलावा, सुलह बैठक में आईबीए प्रतिनिधि और वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भाग लिया। अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त ने सुलह को 14 दिसंबर तक के लिए स्थगित करते हुए अब बैंक प्रबंधन के संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को बैंक यूनियनों के साथ बैठक करने को कहा है।