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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आव्हान पर देश भर के बैंक कर्मचारियों ने बहुत व्यापक पैमाने पर दो दिन लगातार हड़ताल किया। इस हड़ताल की तस्वीरें हम जैसे आम मजदूरों के पास पहुंचाने के लिए मैं एआईएफएपी AIFAP को धन्यवाद देता हूं। चूंकि इतना बड़ा हड़ताल होने के बावजूद भी पूंजीपतियों के मीडिया ने इसे दिखाया नहीं। इससे हमें AIFAP जैसी फोरम की कितनी आवश्यकता है यह स्पष्ट होता है।
वाकई मैं इस संघर्ष ने निजीकरण के खिलाफ हमारे संघर्ष मैं एक नया जोश भर दिया है।
वाकई मैं यह बहूत जोरदार हड़ताल थी। देश के कोने कोने से बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल की है। मैं इससे बहुत प्रभावी हूं क्योंकि बहोत बड़े पैमाने पर महिलाओं ने इस संघर्ष मैं हिस्सा लिया है और कई जगह संघर्ष का नेतृत्व भी किया है।
निजीकरण विरोध का संघर्ष मैं महिलाओं का होना बहुत जरुरी है। बाकी क्षेत्र के कर्मचारियों को इससे सिख लेकर ज्यादा से ज्यादा नारीशक्ति को हमारे निजीकरण विरोधी संघर्ष में जोड़ना चाहिए। इस संघर्ष की समय समय की खबरे देने के लिए AIFAP का धन्यवाद।
कॉम. ऐसे सेक्टर वाईज लढनेसे फायदा नही. सब सेक्टर के कर्मचारी / लोग एक हो के अक्शन करना चाहिए. जैसे फार्मर आंदोलन. नही तो फायदा नही.
क्योकी दुश्मन ताकदवान हैं और उसके हाथ में सत्ता हैं. हमारी ताकद बहुत जादा हैं. लेकीन उसको हमे पहाचनना पडेगा. सारे लेफ्ट एक होंगे तो भी बहुत असर पडेगा. लेकीन बहुत सालसे वाे भी नहीं होता. ये सब लोग अपने आप को हुशार समझते हैं. इसीलिये समझ जाव और सुधर जाव. नहीं तो हातसे निकल जाताही रहेगा.