भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने घोषणा की है कि वह सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरने को तैयार है।

केईसी संवाददाता की रिपोर्ट

बीएमएस ने सरकार को चेतावनी देने की योजना बनाई है कि यदि वह अपनी निजीकरण नीति से पीछे नहीं हटती है, तो वह इसका विरोध करेगी, यदि आवश्यक हो, सड़कों पर उतरेगी। उसने 4 जनवरी 2022 को हैदराबाद में अपने 44 महासंघों की बैठक की योजना बनाई है। उसने प्रधान मंत्री को लिखने का फैसला किया है कि निजीकरण की नीति मज़दूरों के हितों के खिलाफ है, और इसलिए बीएमएस पूरी तरह से इसके खिलाफ है।

बीएमएस के महासचिव श्री विनय कुमार सिन्हा ने कहा है कि उनके संगठन का दृष्टिकोण स्पष्ट है और हम सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बीएमएस किसी भी तरह के निजीकरण के खिलाफ है।

यह मूल्य वृद्धि, निजीकरण, नए श्रम संहिता आदि जैसे मजदूर वर्ग पर हमलों का विरोध करने के लिए अन्य दस प्रमुख मज़दूर संघों और यूनियनों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से पहले निजीकरण नीति के विरोध में प्रदर्शन करेगा।

 

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