मजदूरों के आंदोलन के मामले में बैंक कर्मचारी आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का अस्तित्व और इस तरह उनका खुदका अस्तित्व इस संघर्ष पर निर्भर है। साथ साथ यह संघर्ष देश के करोड़ों लोगों और उनकी 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।। इसलिए, हमारा एकमात्र आह्वान है “अब कोई नारा न होगा, सिर्फ देश बचाना होगा”।