श्री मंजीत सिंह पटेल, अध्यक्ष, अखिल भारतीय नवीन पेंशन स्कीम (NPS) एम्प्लोयीज फेडरेशन से प्राप्त रिपोर्ट
पुरानी पेंशन बहाली की मांग करता यह नजारा हिमाचल प्रदेश का है जहाँ लाखों की संख्या में आज कर्मचारी शिमला की सड़कों पर उतरे हैं। संभव है अगर अभी भी केंद्र सरकार नही जागी तो वो दिन दूर नहीं जब कर्मचारी सरकारें बदलने पर विचार करने लगेंगे। सत्ता को समझना होगा कि 76 लाख कर्मचारी परिवारों का मतलब लगभग 4 करोड़ वोट होता है। और यह वोट इससे भी ज्यादा वोटों को प्रभावित करता है। मतलब साफ है हर लोकसभा सीट पर हजारों NPS कर्मचारी परिवार मौजूद हैं जो उत्तर प्रदेश विधानसभा की सीट पर सरकार विरोधी रुख का ट्रेलर दिखा चुके हैं, परिणाम 10 मार्च को बैलट पेपरों से साफ दिखेगा। गैर भाजपाई राज्यों ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझ लिया है और केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है जिसका उदाहरण राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड सरकारों के पुरानी पेंशन बहाली की घोषणाओं में देखा जा सकता है। इतना साफ है अगर अभी भी केंद्र सरकार सोई रही या नजरअंदाज करती रही तो 2024 में भाजपा भी नजरअंदाज हो जाएगी।