AISMA के नेतृत्व में भारतीय रेल के सभी 32000 स्टेशन मास्टर्स अपनी माँगों के लिए 31 मई को एक साथ सामूहिक अवकाश पर होंगे

श्री अजय दुबे, मंडल सचिव, झांसी (उ.प्र.), ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (AISMA) का संदेश


भारतीय रेल के यात्रीगण कृपया ध्यान दें, भारतीय रेल के सभी 32000 स्टेशन मास्टर्स दिनाँक 31 मई को एक साथ सामूहिक अवकाश पर हड़ताल पर जा रहे है कृपया अपनी यात्रा तदनुसार प्लानिंग करें जिससे आपको असुविधा न हो।

ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन, AISMA क्यों इस तरह के आंदोलन के लिए मजबूर हुई है? हमारी मांगे, यात्रिओं को बेहतर सुविधा ,लगातर जारी रखने के लिए, कर्मचारियों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है।

(1) स्टेशन मास्टर एवं स्टेशन पर कार्यरत स्टेशन मास्टरों के पद को भरा जाये। आज स्टेशन मास्टर के 6000 हजार पद खाली है। स्टेशन मास्टर अत्यधिक कार्य के दबाब में बीमार पड़ रहे है एवं असमय मृत्यु के शिकार हुए हैं।
हमने बार बार इसकी जानकारी दी पर व्यवस्था गहरी निन्द्रा में है। उसे जगाने के लिए है हमारा स्ट्राइक।

(2) हमारा नाईट डयूटी भत्ता बन्द होना अन्ययाय पूर्ण है कि नही। हमें वो भत्ता अपने खून को पानी बनाने के एवज़ में दिया जाता है। नाईट डयूटी करने से हम तरह तरह के बीमारीयों से ग्रसित होते हैं उसके एवज़ में दिया जाता है। जो भत्ता हमें एक आयोग की अनुशंसा पर संसद द्वारा पारित करके दिया गया, उसे DoPT फिननांस के एक तुग़लकिया फरमान के द्वारा बंद कर दिया गया।

इसका विरोध हमने मंडल, जोन, रेलवे बोर्ड एवं मंत्रालय स्तर पर किया परन्तु कोई सुनवाई नही हुई। इसी का ट्रेड यूनियन विरोध है हमारा स्ट्राइक नोटिस।

(3) किसी भी संस्था को वैज्ञानिक रूप से चलने के लिए चार स्तर का होना जरूरी है। यह बात सरकार को क्या एक ट्रेड यूनियन बताएगी?

स्टेशन मास्टर को सिर्फ एक प्रमोशन है स्टेशन मास्टर से स्टेशन मैनेजर का। परन्तु हमने बार बार यह समझाने की कोशिस की यह अतार्किक है। पूर्व में भी हमे तीन प्रमोशन मिलते थे।

हमारी माँग है कि SM, SMR, Sr SMR एवं GAZ SMR का दर्जा दिया जाय।

व्यवस्था को इस माँग के लिए पैसा खर्च नही करना है वल्कि व्यवस्था देना है।

(4) स्टेशन मास्टर वर्ग को एक लंबी लड़ाई के बाद 4200 पे ग्रेड 01/01/2016 से मिला। तो हमारा डिमांड्स है कि हमें आपके MACP नियम के अनुसार तीन MACP 01/01/2016 से दिया जाये नाकि फरबरी 2018 से जो कि पूर्णतः अतार्किक है।

इसी के लिए है यह स्ट्राइक ।

(5) साथियों, इसी रेलवे में रनिंग अलाउंस, हार्ड शिप अलाउंस, स्ट्रेस अलाउंस की व्यवस्था विभिन्न वर्ग के लिए है।
परन्तु हम स्टेशन मास्टरों का क्या?

हमारे पी शिवन पिल्लई जी ने यह आवाज़ उठाई थी एवं उस समय हर ऑफिसर को इस माँग के लॉजिक को बताया गया था।

साथियों, एक ट्रेन को स्टार्ट करवाने से लेकर पूरी यात्रा का स्ट्रेस, caution द्वारा स्पीड, सेक्शनल स्पीड की चिंता, रूट चेंज, शंटिंग, बहुत सारे दुर्घटना untowards एक्सीडेंट, पैसेंजर का दबाब, स्टेशन की साफ सफाई कितनी सारे काम परन्तु स्ट्रेस अलावन्स/सेफ्टी अलावन्स/ के नाम पर चार्ज शीट, सजा!

स्टेशन पर साड़ घुस जाने पर स्टेशन मास्टर दोषी!

जागो साथी जगो, हमारा स्ट्रेस अलावन्स/सेफ्टी अलावन्स हमारा अधिकार है।

एक महिना कड़ा आत्म अनुशासन, प्रचार, जागरूकता कि हम यह अन्ययाय नही बर्दास्त करेंगें।

हमें हमारा मौलिक माँग संरक्षा वर्ग की रिक्तियॉ का भार जाना, नाईट ड्यूटी भत्ता , 01/01/2016 से MACP, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग, एवं सेफ्टी एवं स्ट्रेस अलावन्स को अविलम्ब दिया जाए।

कोई भी बोले तो उन्हें विनम्रतापूर्वक अपनी मांगों की लॉजिक बताइए, यात्रियों से बात कीजिये, मीडिया में लेकर जाइये।

हमारा आंदोलन कोई भी ट्रेड यूनियन नही लड़ेगा।

AISMA के बैनर तले संगठित होकर अपना आंदोलन मजबूत कीजिये।

AISMA आपके हर सुख-दुख का साथी है।

AISMA जिन्दाबाद

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