राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता वार्ता के लिए सब कोयला मजदूर संगठनों ने एकजुटता बनाई और प्रबंधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया

कामगार एकता कमेटी (KEC) के संवाददाता की रिपोर्ट

राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता-11 के लिए कोयला उद्द्योग की संयुक्त द्विपक्षीय कमेटी (जेबीसीसीआई) की बैठक कोल इंडिया मुख्यालय, कोलकता में 22 अप्रैल को बिना किसी समझौता के समाप्त हो गई।

विशेषता यह थी कि बैठक से पहले कोयला श्रमिक सभा-एचएमएस, बीएमएस, सीटू और एटक ने अपनी एकजुटता बनायीं और तय किया कि प्रबंधन के सामने अलग-अलग पक्ष रखने के बजाय सामूहिक रूप से बात रखी जाएगी। प्रबंधन के किसी भी ऑफर का जवाब एकमत से ही दिया जाएगा।

प्रबंधन का प्रस्ताव सुनते ही सभी यूनियन बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए। प्रबंधन 20 प्रतिशत से ज्यादा एमजीबी देने के पक्ष में नहीं है, जबकि यूनियनों ने 50 प्रतिशत एमजीबी की मांग की है।

प्रबंधन के मनवाने पर मीटिंग दोबारा चालू हुई, लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका। जेबीसीसीआई की अगली बैठक की तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
वेतन समझौता पांच साल के लिए होगा और इसे एक जुलाई 2021 से लागू किया जाना है।

श्री शिव कुमार यादव, कोयला श्रमिक सभा-एचएमएस के अध्यक्ष ने बताया कि एचएमएस से नाथूलाल पांडे – एसईसीएल, शिवाकांत पांडे – ईसीसीएल आदि के साथ बैठक की गई है। इसके बाद सभी यूनियनों के पदाधिकारियों ने आपस में मंथन करके आगे की रणनीति बनाई है।

 

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