कॉम. कृष्णा भोयर, महासचिव, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन एवं संयुक्त महासचिव AIFEE से प्राप्त
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाईज
देश भर के लाखों बिजली कर्मचारियों और अभियंता दोस्तों सावधान!
संसद के मानसून सत्र में नया बिजली का कानून पास करने की केंद्र सरकार की जोरदार तैयारियां
विद्युत (संशोधन) विधेयक- 2022
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने अब विद्युत अधिनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधनों के मसौदे को परिचालित किया है। यह संशोधन “विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022” के नाम से हैं। मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित संशोधनों और प्रस्ताव के संचलन के माध्यम से जानने पर यह स्पष्ट है कि विद्युत मंत्रालय विधेयक 2022 को संसद के आगामी मानसून सत्र में रखने की स्थिति में है। संसद का मानसून सत्र 18 अगस्त 2022 से शुरू होने वाला है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने प्रिंट मीडिया के माध्यम से घोषणा की कि बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को संसद के आगामी मानसून सत्र में रखा जाएगा और पारित किया जाएगा।
विद्युत मंत्रालय की प्रमुख प्रस्ताव प्रस्तुति विद्युत कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बिना पेश की गयी है। यहां यह विशेष रूप से उल्लेख करना है कि NCCOEEE द्वारा कई अभ्यावेदनों के बावजूद विद्युत मंत्रालय जानबूझकर सबसे महत्वपूर्ण हितधारक के साथ चर्चा से परहेज करता है। इसी तरह तीन कृषि कानून, जो संसद द्वारा किसान यूनियनों और संघों के साथ चर्चा किए बिना पारित किए गए थे। उसी प्रकार विद्युत मंत्रालय ऐसे एकपक्षीय निर्णयों के गंभीर प्रभावों की अनदेखी कर उक्त विधेयक को पारित करने पर तुला हुआ है।
विद्युत मंत्रालय की प्रस्तुति में उल्लिखित प्रमुख प्रस्ताव एकतरफा और अत्यधिक आपत्तिजनक हैं क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों, आम उपभोक्ताओं, उनके संगठनों और बिजली कर्मचारियों की हमेशा अनदेखी की गई है और उनसे परामर्श नहीं किया गया है। अखिल भारतीय आंदोलन के लिए श्रमिक संघों, इंजीनियरों और अधिकारियों के संघों का आयोजन शुरू करें।
उपरोक्त गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए AIFEE हमारे सभी घटकों से बिल के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने और NCCOEEE के आह्वान पर किसी भी समय बिजली की कार्रवाई के लिए तैयार रहने की अपील करता है। AIFEE के केंद्रीय कार्यालय ने संयोजक को सूचित किया है कि विधेयक को लागू करने और अखिल भारतीय आंदोलन के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए NCCOEEE के सभी घटकों की तुरंत बैठक बुलाएं।
संगठनात्मक मुद्दे
लखनऊ में AIFEE के पदाधिकारियों की बैठक में महत्वपूर्ण संगठनात्मक निर्णय लिए गए हैं। तदनुसार तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और झारखंड, महाराष्ट्र का दौरा कार्यक्रम किया जाता है। लखनऊ की बैठक में संबद्धता शुल्क के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। कई सहयोगी संघों ने अभी तक संबद्धता शुल्क का भुगतान नहीं किया है। जो बकाया हैं वे इसे केंद्र को भेजें।
आपका साथी
मोहन शर्मा
महासचिव