भारतीय रेल के निजीकरण की दिशा में कुछ और कदम – 1 अगस्त 2022 से लखनऊ मंडल में अनेक सेवाएं निजी कंपनियों को सौंप दी जायेंगी

कामगार एकता कमेटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट

भारतीय रेल के लखनऊ मंडल के नौ रेलवे स्टेशनों पर 1 अगस्त 2022 से इंक्वायरी काउंटर अनाउंसमेंट सिस्टम, डिस्प्ले बोर्ड, कोच गाइडेंस और क्लोक रूम (अमानती सामान घर) की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में दे दी जाएगी। फिलहाल, यह नई व्यवस्था लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर के अलावा लखनऊ जंक्शन, बादशाहनगर, ऐशबाग, सीतापुर, मनकापुर, गोंडा, बस्ती और खलीलाबाद स्टेशनों में शुरू करने की योजना बनाई गयी है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित वेटिंग हाल के रखरखाव की जिम्मेदारी पहले ही प्राइवेट फर्म को सौंपी जा चुकी है। अभी तक इन सभी कार्यस्थलों पर रेलकर्मी ही तैनात किए जाते थे।

NE रेलवे प्रशासन स्टेशन के परिचालन से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य को छोड़कर शेष लगभग सभी कार्यों को आउटसोर्स करने लगा है।

रेल प्रसाशन पोस्ट सरेंडर कर के और रिक्त स्थानों को न भर के निरंतर नियमित कर्मियों की संख्या कम कर के उनकी निजीकरण के खिलाफ संघर्ष करने की शक्ति को कम कर रहा है। उनके संघर्ष को ठंडा करने के लिए समय समय पर विभिन्न रेल मंत्री आश्वासन देते आये हैं कि भारतीय रेल के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। फिर दोबारा ऐसा ही एक वक्तव्य रेल मंत्री ने पिछले सप्ताह लोक सभा में दिया परन्तु हमने देखा है कि कदम-ब-कदम भारतीय रेल का निजीकरण अलग अलग तरीकों से निरंतर किया जा रहा है। पिछले माह में ही भारत गौरव नाम से दो निजी ट्रेनें शुरू की गयी हैं।

हर निजीकरण कदम के खिलाफ रेल कर्मचारियों का एकजुट संघर्ष ही रेल कर्मचारियों और रेल यात्रियों पर होने वाले इस हमले और संकट को रोक सकेगा।

 

 

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