इलेक्ट्रिसिटी एम्पलोइज फेडरेशन ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय सम्मेलन 15 अक्टूबर को चंड़ीगढ़ में संपन्न

कामगार एकता कमिटी (KEC) संवाददाता की रिपोर्ट

इलेक्ट्रिसिटी एम्पलोइज फेडरेशन ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय सम्मेलन 15 अक्टूबर को चंडीगढ़ में संपन्न हुआ। सम्मेलन को संबोधित करते हुए नव निर्वाचित प्रधान कॉम. ई.करीब ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2022 के खतरनाक प्रभावों की जानकारी देने के लिए देशभर में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने प्रतिनिधियों से विभाग के कर्मचारियों की एकता, दूसरे संगठनों के साथ एकता और फिर आम जनता एवं उपभोक्ताओं के साथ एकता बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन बिल पास होने के बाद बिजली किसानों व कम खपत करने वाले गरीब उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन का निजीकरण हो चुका है और पावर ग्रिड ट्रांसमिशन लाइनों को एनएमपी के तहत निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। अगली कड़ी में बिजली संशोधन बिल पास करके बिजली वितरण को भी निजी हाथों में सौंपा जा रहा है जिसको बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगे।

एनसीसीओईईई के सभी घटक “पावर सेक्टर बचाओ, देश बचाओ” के नारे के साथ, बिजली संशोधन बिल 2022 के खिलाफ 23 नवंबर को संसद को कूच करेंगें और केन्द्र सरकार को अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन की निंदा करते हुए हड़ताल में बिजली कर्मचारियों के खिलाफ की गई सभी प्रकार की दमनात्मक कार्यवाहियों को वापस लेने और उनकी मांगों का बातचीत से समाधान करने की मांग की।

सम्मेलन में कॉम. ई.करीम को प्रधान, कॉम. प्रशांत नंदी चोधरी को महासचिव, कॉम. राजेन्द्रन को कोषाध्यक्ष व कॉम. सुभाष लांबा को उपाध्यक्ष चुना गया ।

देश भर के बिजली कर्मचारियों की मांगे निम्न हैं :-

  1. बिजली संशोधन बिल 2022 को रद्द करो। कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने वाली बिजली नीति और बिजली वितरण प्रणाली के सामूहिक निजीकरण पर रोक लगाओ।
  2. राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र से निजी हाथों में देने पर रोक लगाओ। चल रहे निजी लाईसेंसों को रद्द करो।
  3. देश की खाद्य सुरक्षा के लिए बिजली वितरण प्रणाली का निजीकरण करना बंद करो।
  4. केएसईबी व एचपीएससीबी की तरह राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में बिजली क्षेत्र के तीन हिस्से जैसे उत्पादन, ट्रांसमिशन व वितरण को एकत्रित करो।
  5. बिजली के अधिकार को मानव अधिकार बनाओं।
  6. जन विरोधी एवं मजदूर विरोधी लेबर कोड्स को रद्द करो।
  7. एनएमपी व आत्मनिर्भर भारत के नाम पर देश की देश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचना बंद करो।
  8. एनपीएस रद्द कर पूरानी पेंशन बहाल करो। बिजली क्षेत्र में जबरन रिटायरमेंट करना बंद करो।
  9. सभी प्रकार के ठेका और अस्थाई श्रमिक/कर्मचारियों को नियमित करो। नियमितिकरण तक समान काम में समान वेतन, सभी के लिए ग्रेच्युटी, ग्रुप इंश्योरेंस और सभी प्रकार की कानूनी सुविधाएं प्रदान करो। फिक्स टर्म इंप्लायमेंट बंद करो।
  10. रिक्त पड़े स्वीकृत पदों को रेगुलर भर्ती से भरना सुनिश्चित करो।
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