केईसी संवाददाता द्वारा रिपोर्ट
लोको पायलटों (इंजन ड्राइवर) ने देश भर में 15 जुलाई को काला दिवस मना कर भारतीय रेलवे के निजीकरण को रोकने का संकल्प किया|
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) भारतीय रेलवे लोको रनिंग स्टाफ की एक श्रेणी एसोसिएशन है और ऑल इंडिया फोरम अगेंस्ट प्राइवेटाइजेशन (AIFAP) के संस्थापक संगठनों में से भी एक है| AILRS ने 15 जुलाई 2021 को भारतीय रेलवे के ड्राइवरों का विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।AILRSA की केंद्रीय कार्यकारी मंडल ने भारतीय रेलवे के सभी लोको पायलटों (इंजन चालकों) को 10 जुलाई से 15 जुलाई तक विरोध सप्ताह मनाने का आह्वान किया था। इस कॉल के जवाब में पूरे भारत में इंजन ड्राइवरों ने उस अवधि के दौरान अपने-अपने स्थानों पर स्टेशन लॉबी में विरोध प्रदर्शन किया। 15 जुलाई को रेलवे के विभिन्न डिवीजनों में ड्राइवरों के द्वारा ब्लैक डे के रूप में निर्धारित किया गया था। रेल चालकों ने अपनी जायज मांगों के समर्थन में एक अंतर्देशीय पत्र पर हस्ताक्षर कर रेल मंत्री को भेजे।काम के बढ़ते बोझ के बावजूद, पिछले 15-20 वर्षों में, अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में अधिक कामगारों की भर्ती, या यहां तक कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रतिस्थापन भी रुके हुए हैं। भारतीय रेलवे में भी ऐसा हुआ है। बड़ी संख्या में चालक के पदों सहित हजारों रिक्त पदों को भरा नहीं गया है। इसके चलते मौजूदा इंजन चालकों पर अत्यधिक भार पड़ रहा है। इसी तरह, रेलवे प्रशासन द्वारा विभिन्न रेलवे विभागों में उनके सहयोगियों की तरह इंजन चालकों के वेतन पर भी हमला किया जा रहा है। इंजन चालक अपने वेतन, भत्ते, काम करने की स्थिति और सभी रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती से संबंधित, ऐसे कई लंबे समय से लंबित मुद्दों के समाधान के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
उनके द्वारा उठाई जा रही मुख्य मांगों में से एक है भारतीय रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण को समाप्त करने की मांग। AILRSA की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने घोषणा की है कि यद्यपि भारत सरकार निजीकरण के साथ आगे बढ़ने पर आमदा है, तो AILRSA के सदस्य भी सरकार की योजनाओं को रोकने के लिए दृढ़ हैं!