कामगार एकता कमिटी (केईसी) संवाददाता की रिपोर्ट
नागरिक रक्षा कर्मचारियों के मुद्दे और मांगें
1. भाजपा सरकार द्वारा लिए गए आयुध कारखानों के निगमीकरण के एकतरफा निर्णय को वापस लें।
2. सभी 41 आयुध निर्माणियों को पूर्ण कार्यभार प्रदान करें।
3. आयुध निर्माणी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के रूप में बनाए रखने के लिए सरकारी आदेश जारी करें।
4. नई पेंशन प्रणाली (NPS) को समाप्त करें और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करें।
5. MES सहित सभी रक्षा प्रतिष्ठानों में सभी प्रकार के आउटसोर्सिंग, निजीकरण को बंद करें।
6. रक्षा प्रतिष्ठानों में सभी रिक्त पदों को भरें और प्रशिक्षित ट्रेड अपरेंटिस के लिए नौकरी का अवसर प्रदान करें।
7. मृतक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को रेलवे के समकक्ष अनुकंपा आधार पर 100% नियुक्ति दी जाए।
8. चार्जमैन, कार्यालय अधीक्षक और सैन्य अस्पतालों, प्रशिक्षण केंद्रों आदि में कार्यरत कर्मचारियों सहित सभी रक्षा असैनिक कर्मचारियों को ग्रैंड ट्रेड यूनियन अधिकार हो।
9. सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में CGHS से संबंधित सभी चिकित्सा उपचार मुद्दों को हल किया जाना चाहिए और सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सभी CGHS सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस उपचार की गारंटी दी जानी चाहिए।
10. हर राज्य के सभी जिलों में CGHS वेलनेस सेंटर खोलें।
11. औद्योगिक कर्मचारियों के लिए पदोन्नति अनुपात में संशोधन करें।
12. सभी गैर-औद्योगिक कर्मचारियों की पदोन्नति की संभावनाओं में सुधार करें।
13. रक्षा प्रतिष्ठानों के औद्योगिक कर्मचारियों को ड्रेस भत्ता दें।
14. बिना किसी मूल वेतन सीमा के नागरिक रक्षा कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता प्रदान करें।
15. DRDO, नौसेना, वायुसेना, DGQA,DGAQA,EME, MES औरAOC के कर्मचारियों की मांगों का निपटारा करें।
16. विभागीय परिषद (JCM) के प्रभावी कामकाज और रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त बैठक तंत्र को सुनिश्चित करें।
17. आयुध निर्माणी निगमों में औद्योगिक संबंध/उत्पादकता परिषद की स्थापना के लिए मुख्य श्रम आयोग (केंद्रीय) की उपस्थिति में हुए समझौते का तत्काल कार्यान्वयन करें।